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राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय मगध संगोष्ठी शुरू

पांडू पोखर में शुक्रवार की शाम तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मगध संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ. इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों से टूर ऑपरेटर और टूर ट्रांसपोर्ट से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुये.

राजगीर. पांडू पोखर में शुक्रवार की शाम तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मगध संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ. इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों से टूर ऑपरेटर और टूर ट्रांसपोर्ट से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुये. नेपाल के टूर ऑपरेटरों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। यह मगध क्षेत्र की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यटन संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का महत्वपूर्ण है. उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि पर्यटन मंत्रालय के उप महानिदेशक एवं क्षेत्रीय निदेशक (पूर्व) प्रणव प्रकाश ने कहा कि नालंदा और राजगीर की धरती विश्व धरोहर के रूप में सदैव आकर्षण का केंद्र रही है. यहां की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को जोड़ने का कार्य करती है. पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं, जिन्हें संरक्षित और विकसित करने की आवश्यकता है. सरकार व स्थानीय समाज के सामूहिक प्रयास से यह क्षेत्र रोजगार, शोध और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रमुख केंद्र बन सकता है. उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी न केवल पर्यटन को बढ़ावा देने का माध्यम है, बल्कि क्षेत्र की धरोहर और सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर उजागर करने का अवसर भी है. आयोजकों ने संगोष्ठी के दौरान पैनल चर्चाएं, अनुभव साझा करने के सत्र और नेटवर्किंग कार्यक्रम आयोजित किए जाने की जानकारी दी. प्रतिभागियों ने राजगीर और नालंदा के प्रमुख पर्यटन स्थलों का अवलोकन किया. पांडू पोखर का शांत और मनोरम वातावरण सभी अतिथियों को आकर्षित कर रहा था. नेपाल और भारत के विभिन्न राज्यों से आए टूर ऑपरेटरों ने स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और अनुभवों पर चर्चा की. संगोष्ठी के आयोजक एबीटीओ के सचिव डाॅ. कौलेश कुमार ने कहा कि इस तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्देश्य मगध क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना और स्थानीय पर्यटन उद्योग को सशक्त बनाना है. आयोजकों ने कहा कि ऐसे आयोजन भविष्य में निवेशकों और पर्यटकों को आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाएंगे. राजगीर में यह संगोष्ठी न केवल पर्यटन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का मंच बनी, बल्कि स्थानीय संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर के प्रति प्रतिभागियों में उत्साह और सराहना भी जगाई. यह संगोष्ठी न केवल पर्यटन को बढ़ावा देने का माध्यम है, बल्कि क्षेत्र की धरोहर और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने का अवसर भी है. कार्यक्रम के दौरान पैनल चर्चाएं, अनुभव साझा करने के सत्र और नेटवर्किंग गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. प्रवीण सिंह ने कहा कि राजगीर में यह संगोष्ठी न केवल पर्यटन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का मंच बनी, बल्कि स्थानीय संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहर के प्रति प्रतिभागियों में उत्साह और सराहना भी जगाई. प्रतिभागियों ने राजगीर और नालंदा के प्रमुख पर्यटन स्थलों का अवलोकन किया. पांडू पोखर की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण ने सभी अतिथियों को मोहित कर दिया. नेपाल और भारत के टूर ऑपरेटरों ने स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और अनुभवों पर भी चर्चा की. इस अवसर पर विश्व शांति स्तूप के प्रमुख बौद्ध भिक्षु टी ओकोनोगी, पर्यटन एशोसिएशन ऑफ नेपाल के अध्यक्ष मोहन प्रसाद शर्मा, एबीटीओ के सेक्रेटरी डॉ. कौलेश कुमार, उमराव प्रसाद निर्मल, आकाशीय रज्जू मार्ग के प्रबंधक दीपक कुमार, पुरातत्वविद रवि आनंद, प्रवीण सिंह, पर्यटन अधिकारी संजय कुमार, बीकानेर के अनिल विड्डा, हिमानी अरोरा, नीतू रानी, वैशाली वैद्यया, योगिता, रीटा धाड़वते, अस्मिता मोदी सहित 19 राज्यों के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए.

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