10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार में निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों पर सरकारी के बराबर फीस, बोले मंगल पांडेय- अगले सत्र से लागू

सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हर वर्ष नीट के माध्यम से नामांकन होता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन फीस के निर्धारण के लिए रिटायर्ड जज अखिलेश चंद्रा की अध्यक्षता में स्वतंत्र कमेटी बनी है.

पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि केंद्र सरकार का आदेश है कि अगले सत्र से देश भर के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 50% सीटों पर छात्र-छात्राओं से सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर फीस ही ली जायेगी.

उन्होंने कहा कि सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हर वर्ष नीट के माध्यम से नामांकन होता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में ट्यूशन फीस के निर्धारण के लिए रिटायर्ड जज अखिलेश चंद्रा की अध्यक्षता में स्वतंत्र कमेटी बनी है.

स्वास्थ्य मंत्री डाॅ संजीव कुमार सहित अन्य सदस्यों के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे. सदस्यों की मांग थी कि राज्य के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक वर्ष नामांकन के लिए 12 लाख और छात्रावास के लिए तीन लाख लिये जाते हैं, जबकि बिहार के मेधावी व गरीब छात्र यूक्रेन, नेपाल, चीन व फिलीपींस सहित अन्य देशों में सालाना चार-पांच लाख रुपये खर्च पर एमबीबीएस की पढ़ाई करते हैं.

बिहार सरकार भी राज्य के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई कम शुल्क पर कराने पर विचार करे. इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य की शैक्षणिक शुल्क निर्धारण कमेटी नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) के निर्देशों पर आठ बिंदुओं को ध्यान रखते हुए शुल्क का निर्धारण करती है.

इसमें शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक स्टाफ का वेतन व भत्ता, प्रशासनिक सेवाओं का व्यय, प्रयोगशाला का संधारण लागत, आकस्मिक व्यय, पुस्तकालय के लिए पुस्तकों व जर्नल्स की आपूर्ति पर खर्च, निवेश किये गये पूंजीगत व्यय और शुल्क निर्धारण समिति द्वारा आकलित किये गये अन्य आवर्ती खर्च शामिल हैं.

विभिन्न देशों में एमबीबीएस या समकक्ष पाठ्यक्रम के लिए मेडिकल कॉलेजों के मानक एवं पठन -पाठन से संबंधित आधारभूत संरचना में काफी अंतर होता है. विदेशों से उत्तीर्ण छात्रों के लिए देश में इलाज शुरू करने के पहले एनएमसी द्वारा फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा हर वर्ष करायी जाती है. देश के किसी भी राज्य में प्रैक्टिस करने प्रारंभ करने के पहले परीक्षा पास करने पर ही रजिस्ट्रेशन संभव है.

तीन-चार वर्षों में राज्य में 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज होंगे

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य में अगले तीन-चार वर्षों में 24 सरकारी मेडिकल कॉलेज हो जायेंगे. फिलहाल एम्स व इएसआइसी मेडिकल कॉलेज, बिहटा सहित राज्य में 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में एमबीबीएस की 1850 सीटें हैं. राज्य में आजादी के बाद 56 साल में छह मेडिकल कॉलेज थे, जबकि उसके बाद 20 वर्षों में 18 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित हो जायेंगे.

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel