निराशा. जिला उद्योग केंद्र में काफी कम संख्या में पहुंच रहे हैं आवेदक
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बेरोजगार लाखों में , आवेदन मात्र 285
निराशा. जिला उद्योग केंद्र में काफी कम संख्या में पहुंच रहे हैं आवेदक आरा : जिले में बेरोजगारों की लंबी फौज है, लेकिन उद्योग-धंधे के लिए आवेदकों ने काफी कम संख्या में आवेदन दिया है. केंद्र में छोटे-मोटे उद्योग-धंधे के लिए महज 285 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं. यह संख्या चालू वित्तीय वर्ष की है. […]
आरा : जिले में बेरोजगारों की लंबी फौज है, लेकिन उद्योग-धंधे के लिए आवेदकों ने काफी कम संख्या में आवेदन दिया है. केंद्र में छोटे-मोटे उद्योग-धंधे के लिए महज 285 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं. यह संख्या चालू वित्तीय वर्ष की है. बेरोजगारों की बढ़ती फौज को देखते हुए सरकार द्वारा उनको रोजगार देने के लिए कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही हैं. इनमें महत्वपूर्ण योजनाओं में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना है. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले में तीन एजेंसियां काम करती हैं, जिनमें जिला उद्योग केंद्र, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड व खादी ग्रामोद्योग आयोग शामिल हैं
. बेरोजगार इन एजेंसियों के माध्यम से रोजगार के लिए आवेदन जमा करते हैं और अनुशंसा के बाद इन्हें बैंकों से ऋण मुहैया कराया जाता है. काफी कम ब्याज पर सरकार द्वारा रोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने तथा उन्हें रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिये जाने के बाद भी बेरोजगारों द्वारा इतनी कम संख्या में आवेदन देना काफी चिंता का विषय है. बेरोजगारों की उदासीनता से इस योजना की सफलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है.
अधिक अभ्यर्थियों को भी ऋण देने का है प्रावधान : जिले में 75 के अलावा भी आवेदनों पर विचार करने तथा ऋण देने का प्रावधान है. अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए तात्कालिक तौर पर विचार करते हुए अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन को भी स्वीकार किया जाता है तथा ऋण के लिए बैंकों को भेजा जाता है.
आवेदन स्वीकृति की क्या है प्रक्रिया : बेरोजगार अभ्यर्थियों द्वारा जमा कराये गये आवेदनों को जिला उद्योग केंद्र द्वारा प्रति तीन माह या छह माह के अंतराल पर अंतर्विक्षा के लिए बुलाया जाता है तथा उनके आवेदनों पर विचार किया जाता है.
इतने कम आवेदनों के क्या हैं कारण : सरकार द्वारा रोजगार देने के लिए कम ब्याज पर ऋण देने के बाद भी जिले के बेरोजगारों में इसके प्रति उदासीनता व्याप्त है. वित्तीय वर्ष 2015-16 लगभग समाप्ति पर है, फिर भी इतने कम अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. बैंक के पेच से कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
आवेदनों को कौन करता है स्वीकृत : स्वीकृति के लिए आवेदनों को कमेटी के पास भेजा जाता है. जितने भी आवेदन आते हैं, उन्हें निश्चित समय अंतराल पर स्वीकृति के लिए कमेटी के पास भेज दिया जाता है, जहां से स्वीकृत होने पर बैंकों में भेज दिया जाता है.
कर्मियों के दोषपूर्ण रवैये से आवेदकों की संख्या में कमी
जिला उद्योग केंद्र का भवन.
जिला उद्योग केंद्र में आवेदन जमा करने में कई तरह की अड़चनें आती हैं. लंबे समय तक केंद्र का चक्कर लगाना पड़ता है. आवेदनों का त्वरित निष्पादन भी नहीं होता है. इस कारण काफी कठिनाई होती है. व्यवस्था में सुधार की जरूरत है.
विभू कुमार उपाध्याय, बेरोजगार युवक
सरकार ने रोजगार देने के उपाय तो किये हैं, पर संबंधित कर्मचारियों के दोषपूर्ण व्यवहार के कारण यह सफल नहीं हो पा रहा है. हमलोग मजबूर होकर आवेदन देते ही नहीं हैं या फिर कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते थक कर घर बैठ जाते हैं.
रविकांत तिवारी, बेरोजगार युवक
जिला उद्योग केंद्र में आवेदन जमा करने से लेकर ऋण लेने तक में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. बैंकों का रवैया भी ठीक नहीं है. अनावश्यक पेच फंसाया जाता है. इससे हताशा होती है और रोजगार पाने की उम्मीद छोड़नी पड़ती है.
आशु राणा, बेरोजगार युवक
अंतर्वीक्षा के लिए है कमेटी
जिला उद्योग केंद्र सहित अन्य केंद्रों में बेरोजगार अभ्यर्थियों के आवेदनों पर विचार करने के लिए जिले में एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता डीएम या उनके द्वारा नामित पदाधिकारी करते हैं. कमेटी में जनप्रतिनिधि, बैंकों के प्रतिनिधि सहित कुल 11 सदस्य होते हैं. इस कमेटी द्वारा अभ्यर्थियों से उनके द्वारा दिये गये आवेदनों में वर्णित उद्योग के बारे में पूछा जाता है. उसके आधार पर उनके आवेदन को स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाता है. स्वीकृति के बाद बैंक की शाखाओं में ऋण के लिए भेज दिया जाता है.
कितने आवेदन हुए जमा
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत जिले के कुल 285 बेरोजगारों ने द्वितीय वर्ष 2015-16 में अब तक आवेदन जमा किये हैं, जबकि जिले में बेरोजगारों की संख्या लाखों में है.
कितने हुए स्वीकृत
बेरोजगारों द्वारा जमा किये गये 285 आवेदनों में 261 बेरोजगार अभ्यर्थियों का आवेदन ऋण के लिए स्वीकृत किया गया है. उन्हें ऋण के लिए विभिन्न बैंकों की शाखाओं में भेजा गया है.
कितने हुए अस्वीकृत
अब तक बेरोजगार अभ्यर्थियों द्वारा जिला उद्योग केंद्र में जमा किये गये कुल आवेदनों में से 14 अभ्यर्थियों के आवेदन पुनरावृत्ति और गलत जानकारी देने के कारण अस्वीकृत कर दिये गये हैं.
अंतर्वीक्षा के लिए कितने अभ्यर्थी हुए उपस्थित
बेरोजगार अभ्यर्थियों द्वारा दिये गये ऋण आवेदनों के लिए अंतर्विक्षा में कुल 275 अभ्यर्थी ही उपस्थित हो पाये, जबकि 10 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे. उनके आवेदनों पर कोई विचार नहीं किया गया.
कितने लोगों को ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित है
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत जिले में कम से कम 75 बेरोजगारों को विभिन्न तरह के रोजगार के लिए ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें तीनों एजेंसियों द्वारा बेरोजगारों के आवेदन को लिया जाना है.
केंद्र में निर्धारित लक्ष्य काफी कम है, जबकि बेरोजगारों की संख्या बहुत ज्यादा है. इससे गुणात्मक लाभ जिले को नहीं मिल रहा है. ऋण देने का लक्ष्य सरकार को बढ़ाना चाहिए तथा कर्मियों के दोषपूर्ण कार्यशैली में बदलाव लाने की जरूरत है.
शशि शेखर सिंह, बेरोजगार युवक
केंद्र का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार के लिए ऋण मुहैया कराया जाये. कुछ लोग सही ढंग से आवेदन नहीं देते हैं, तो कुछ लोग आवेदन की पुनरावृत्ति करते हैं. सरकार के गाइड लाइन के अनुसार ही आवेदनों का निष्पादन किया जाता है.
मिथिलेश कुमार सिंह, महाप्रबंधक
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