आरा : डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने वर्ष 2012 में संपन्न हुई नगर निकाय चुनाव के दौरान वार्ड नंबर 11 से चुने गये वार्ड पार्षद बसंत सिंह के नाम निर्देशन पत्रों की जांच सही ढंग से नहीं करने के आरोप में आरओ और सात एआरओ सहित 8 पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रपत्र क गठित कर निलंबन हेतु विभाग से अनुशंसा की है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में नाम निर्देशन पत्र मामले की जांच को लेकर अपर समाहर्ता सुरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था. जिसमें सदस्य के रूप में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी संजीव कुमार सिंह और अवर निर्वाचन पदाधिकारी सदर विकास कुमार को नामित किया गया था.
जांच टीम ने नगर निकाय निर्वाचन 2012 के नामांकन के दौरान वार्ड नंबर 11 के वार्ड पार्षद पद के उम्मीदवार बसंत सिंह द्वारा दाखिल नाम निर्देशन पत्र की जांच की गयी. इस दौरान जांच टीम ने पाया कि उस वक्त के चुनाव कार्य के लिए नियुक्त किये गये निर्वाची पदाधिकारी सह तत्कालीन अपर समाहर्ता राजदेव सिंह, सहायक निर्वाची पदाधिकारी सह तत्कालीन वरीय समाहर्ता अताउर रहमान, उपेंद्र प्रसाद सिंह,
तत्कालीन भूमि सुधार उपसमाहर्ता सदर ओम प्रकाश मंडल, तत्कालीन बीडीओ सदर आरा कुमार प्रमोद नारायण सिंह, तत्कालीन सीओ उदवंतनगर जनार्दन प्रसाद सिंह, तत्कालीन सीओ गड़हनी राजीव रंजन तथा तत्कालीन बीडीओ उदवंतनगर मदन नारायण सिंह द्वारा उक्त प्रत्याशी का नाम निर्देशन पत्रों की जांच सही ढंग से नहीं की गयी थी. उक्त पदाधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों का निवर्हण सही ढंग से नहीं किया गया.
इस मामले से संबंधित जांच रिपोर्ट टीम ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पिछले दिनों सौंपी थी. जांच टीम के जांच रिपोर्ट के आलोक में उक्त सभी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रपत्र क गठित कर निलंबन हेतु संबंधित विभाग के प्रधान सचिव से अनुशंसा की गयी है. वहीं जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा अधिकारियों के विरुद्ध की गयी कार्रवाई से राज्य निर्वाचन आयोग को भी संसूचित कर दिया गया है.
जांच दल की रिपोर्ट पर डीएम ने की कार्रवाई
राज्य चुनाव आयोग को की गयी कार्रवाई से किया संसूचित
मामला 2012 के नगर निगम चुनाव में नाम निर्देशन पत्र की सही जांच नहीं करने का
पूर्वी क्रॉसिंग का फाटक गिरते ही थम जाती है वाहनों की रफ्तार
शहर के लोगों के लिए परेशानी का सबब बना पूर्वी रेलवे क्रॉसिंग
आरा. पूर्वी रेलवे क्रॉसिंग पर शहर की बड़ी आबादी का आवागमन टिका हुआ है. क्रॉसिंग का फाटक गिरते ही वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग जाती है. गुमटी बंद होते ही जाम लग जाता है और आवागमन बाधित हो जाता है. इससे लोगों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है. बता दें कि पूर्वी रेलवे क्रॉसिंग से पूरा शहर दो भागों में बंटा हुआ है. दोनों ओर बड़ी आबादी रहती है. किसी भी काम के लिए के लोगों को क्रॉसिंग पार कर ही जाना पड़ता है.
इसके अलावा क्रॉसिंग से होकर रोजाना हजारों छोटे-बड़ें वाहनों का परिचालन होता है. पटना-सासाराम स्टेट हाईवे सहित कई मार्गों पर चलनी वाली वाहनें भी पूर्वी गुमटी से होकर जाते हैं. ऐसे में गुमटी का फाटक बंद होते ही लोगों की आवाजाही थम जाती है. इधर, रेलवे की लापरवाही के कारण अक्सर गुमटी का फाटक घंटों बंद हो जाता है. ऐसे में लोगों को क्रॉसिंग की दूसरी ओर जाने के लिए काफी देर तेक इंतजार करना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों व नौकरी करने वाले लोगों को होती है. उन्हें या तो रास्ता बदलकर जाना पड़ता है या फिर जाम में घंटों फंसे रहने को विवश होना पड़ता है.
जाम में फंसे लोगों का कहना होता है कि केबिन मैन द्वारा रेलवे के नियमों की अनदेखी कर क्रॉसिंग को बंद रखा जाता है. गोढ़ना रोड के रहने वाले विमलेश कुमार की माने तो कभी-कभी तो आधा दर्जन गाड़ियों को पार कराने के बाद ही फाटक उठाया जाता है. इससे भारी परेशानी उठानी पड़ती है.
जान जोखिम में डाल क्रॉसिंग पार करते हैं लोग : पूर्वी गुमटी का फाटक गिरने की स्थिति में लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. चिलचिलाती धूप हो या झमाझम बारिश, लोगों के पास इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. हालांकि क्रॉसिंग बंद रहने की स्थिति में कुछ लोग जान जोखिम में डालकर फाटक के नीचे से बाइक व साइकिल पार करते हैं. ऐसे में अक्सर हादसे की आशंका बनी रहती है.
ओवरब्रिज बनने के बाद ही मिलेगी निजात
बनने के बाद ही इस समस्या से निजात से मिल सकती है. ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है, लेकिन अबतक काम शुरू नहीं किया जा सका है. इससे लोगों में रोष भी देखा जा रहा है. हालांकि सूत्रों की माने तो ओवरब्रिज के लिए जमीन का सर्वे किया जा चुका है. रेल मंत्रालय द्वारा पैसे की भी व्यवस्था की जा चुकी है.
क्रॉसिंग बंद रहने से लगता है महाजाम
जाम की समस्या से जूझ रहे शहर के लिए पूर्वी रेलवे क्रॉसिंग कोढ़ में खाज का काम करता है. रेलवे का फाटक गिरते ही क्रॉसिंग के दोनों ओर वाहनों की कतार लग जाती है. इससे शहर में अक्सर जाम लग जाता है. बता दें कि इस क्रॉसिंग से होकर हजारों वाहनों का परिचालन होता है. ऐसे में दस मिनट भी गुमटी बंद होने से वाहनों की लाइन लग जाती है. जाम से बचने के लिए बड़े से छोटे वाहन स्टेशन रोड से होकर निकलने लगते हैं. नतीजा होता है कि चारों ओर जाम लग जाता है. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने सीधे तौर पर रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हैं. लोगों की माने तो नियमों की अनदेखी कर केबिन मैन द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार क्रॉसिंग को बंद व खोला जाता है.
पूर्वी गुमटी पर ओवर ब्रिज बनाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक किसी प्रकार की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. हां, यह अवश्य जानकारी हुई है कि अब ओवरब्रिज निर्माण का कार्य बिहार सरकार के जिम्मे हो गया है. पहले राज्य सरकार पुल के लिए पहुंच पथ बनायेगी, इसके बाद रेल विभाग अपना कंक्रीट का काम करेगा.
एसएन पाठक, स्टेशन प्रबंधक, आरा