अनदेखी. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम बेखबर
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संस्कृतियों को जोड़नेवाला सहार-अरवल पुल जर्जर
अनदेखी. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम बेखबर प्रतिदिन हजारों टन बालू की ढुलाई से पुल को हो रहा नुकसान कभी भी हो सकता हैं बड़ा हादसा सहार: दो जिला एवं संस्कृतियों को जोड़नेवाला सहार- अरवल पुल देखरेख के अभाव में जर्जर होने के कगार पर है़ बता दें कि दोनों जिलों के प्रयास के बाद […]
प्रतिदिन हजारों टन बालू की ढुलाई से पुल को हो रहा नुकसान
कभी भी हो सकता हैं बड़ा हादसा
सहार: दो जिला एवं संस्कृतियों को जोड़नेवाला सहार- अरवल पुल देखरेख के अभाव में जर्जर होने के कगार पर है़ बता दें कि दोनों जिलों के प्रयास के बाद 2008 में बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के द्वारा सहार -अरवल पुल निर्माण के कार्य शुरू किया गया था, जो लगभग 188.78 करोड रुपये की लागत से 2.4 किलोमीटर पुल के निर्माण 2012 में संपन्न कराया गया था. महज चार साल के समय काल में प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण पुल की स्थिति जर्जर हो गयी है.
बता दें कि पुल के जर्जर होने के मुख्य कारण सहार से सैकड़ों बालू एवं गिटी के ओवरलोड ट्रकों का आवागमन होना माना जा रहा है, जिससे गिरनेवाले बालू के कारण पुल पर बालू की एक मोटी परत जमी रहती है, जो बारिश के दिनों में पुल से पानी के निकास के रास्ते को अवरुद्ध कर देती है और पानी का जमा होना पुल के क्षति के मुख्य कारण है. वहीं पुल पर बालू की मोटी परत जमी होने के कारण बराबर दोपहिया चालक घटना के शिकार बनते हैं और कभी भी बड़ी घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है.
लेकिन, स्थानीय प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण बालृ घाट संचालक कभी भी नियम के पालन करते नहीं दिखते हैं, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष बीके ब्रजेश ने बताया कि सहार- अरवल पुल की सफाई के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के द्वारा कर्मी कार्यरत हैं, लेकिन समय- समय पर बालू घाट के संचालकों के द्वारा सफाई करायी जाती है.
सहार से प्रतिदिन सैकड़ों बालु के ट्रक जहानाबाद, गया, पटना के लिए जाते हैं, जिससे बालू पुल पर गिरते हुये जाता है जो खतरा के मुख्य कारण हैं.
विकास कुमार, सहार निवासी
पुल भोजपुर की धरोहर है. इस पर ट्रकों के आवागमन से बराबर बालू गिरता है, जिससे बड़ी घटना की आशंका बराबर बनी रहती है. प्रशासन को सख्ती से पेश आना चाहिए.
मदन सिंह, सहार प्रखंड प्रमुख
ओवरलोड ट्रकों के परिचालन से पुल जर्जर हो चुकी है. समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो पुल क्षतिग्रस्त होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
वसीम हैदर, अरवल निवासी
पुल पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है. अंधेरे में वाहनों को पुल पर बालु का शिकार होना पड़ता है. पुल एवं बस स्टैंड को जोड़ने वाली सड़क के अभाव में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
गोविंद कुमार, सहार निवासी
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