शाहपुर में 46 झोंपड़ियां जलीं चार मवेशियों की हो गयी मौत
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चिनगारी से तबाही . आग की भयावह स्थिति से मचा कोहराम
शाहपुर में 46 झोंपड़ियां जलीं चार मवेशियों की हो गयी मौत छोटी-सी चिनगारी को हवा का साथ मिला तो, आग ने तबाही का रूप धारण कर लिया. इसकी चपेट में आकर दियरा में बसे सारंगपुर गांव की दलित बस्ती की 46 झोंपड़ियां जल कर खाक हो गयीं. आरा (शाहपुर) : खाना पकाने के चूल्हे से […]
छोटी-सी चिनगारी को हवा का साथ मिला तो, आग ने तबाही का रूप धारण कर लिया. इसकी चपेट में आकर दियरा में बसे सारंगपुर गांव की दलित बस्ती की 46 झोंपड़ियां जल कर खाक हो गयीं.
आरा (शाहपुर) : खाना पकाने के चूल्हे से निकली चिनगारी ने भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के सुदूर दियारा एवं गंगा नदी की गोद में बसे सारंगपुर गांव की दलित बस्ती को जला कर राख कर दिया. अगलगी इतनी भीषण थी कि घरों में सोने वाले लोग कुछ समझ पाते इसके पहले ही 46 झोंपड़ीनुमा मकान आग की चपेट में आ गये. घटना रविवार की मध्य रात के बाद की बतायी जाती है. अगलगी में कई लोग आंशिक रूप से झुलस गए ,
जबकि कई घरों में बंधे मवेशी जलकर मर गये. रात के अंधेरे में हुई इस घटना में दलितों का पूरा मोहल्ला ही आग की भेंट चढ़ गया. घरों में रखे खाद्यान्न,कपड़े, खाना पकाने के बरतन तथा अन्य घरेलु जरूरत की सामग्री जल गये. अगलगी की सूचना मिलते ही बहोरनपुर ओपी पुलिस विभूति प्रसाद सिंह के नेतृत्व में घटना स्थल पर पहुंची. वहीं जगदीशपुर एसडीएम बालमुकुंद प्रसाद ने आरा एवं जगदीशपुर से दमकल की 3 गाडि़यों को आग पर काबू पाने के लिए भेजा. परंतु इनके आने के पूर्व ही सब कुछ जलकर राख हो चुका था. वहीं शाहपुर रेफरल अस्पताल की मेडिकल टीम ने अगलगी में झुलसे लोगों का उपचार किया. गंभीर रूप से जले वीना देवी एवं रामेश्वर पासवान का रेफरल अस्पताल में इलाज किया गया.
एसडीएम बालमुकुंद प्रसाद, सीओ मणि कुमारी तथा बीडीओ प्रशांत कुमार ने क्षति का जायजा लिया. एसडीएम ने बताया कि 46 प्रभावित परिवारों में से प्रत्येक को अग्नि सहायता मद से 6 हजार 800 रुपये, पॉलीथिन सीट तथा 100 किलोग्राम खाद्यान्न का वितरण स्थानीय विधायक राहुल तिवारी उर्फ मंटू तिवारी के माध्यम से कराया गया. प्राथमिकता के आधार पर इंदिरा आवास भी दिलवाया जायेगा. मुखिया रेणु देवी ने आटा, चावल, चूड़ा-गुड़ का वितरण किया. अग्निपीड़ितों से मिलने राजद के प्रखंड अध्यक्ष शिव प्रसन्न यादव, बीडीसी ललन पासवान, अरुण राय, अशोक राम सहित कई प्रतिनिधि पहुंचे.
दमकल के पहुंचने के पहले ही खाक हो चुके थे लोगों के आशियाने
अगलगी की घटना के बाद जले सामान को देखता वृद्ध.
अग्निपीड़ितों की सहायता के लिए आ रहे बुद्धिजीवी : अग्निपीड़ित परिवारों की मदद के लिए जहां सरकारी मशीनरी अपना काम कर रही है, वहीं ऐसे लोगों की मदद के लिए बुद्धिजीवी और डॉक्टर भी अब आगे आने लगे हैं. बड़हरा प्रखंड में गत दिनों हुई आगजनी में आरएल मेमोरियल के संस्थापक डॉ विजय गुप्ता और सुनीता गुप्ता ने अग्निपीड़ितों के बीच जाकर सहायता राशि का वितरण किया था. जहां सरकारी मुआवजा मिलने में विलंब होता है, वहीं तत्काल राहत के रूप में ऐसे परिवारों को मदद मिल जाती है.
राख के ढेर के बीच सामान तलाशते पीड़ित: आग ने ऐसा तांडव मचाया कि सब कुछ जलकर खाक हो गया. आग की भेंट लाखों की संपत्ति चढ़ गयी. चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल हो गया था. जो लोग आग लगने की खबर सुने वे गे-भागे पहुंचे और आग को रोकने में जुट गए, पर सब कुछ बरबाद हो गया था. घटना के बाद माहौल गमगीन हो गया था. ऐसे में राख के ढेर के बीच अग्निपीड़ित परिवार उम्मीद के साथ यह ढूंढ़ रहे थे कि शायद कुछ बचा हो.
आग की भेंट चढ़ी गेहूं की तैयार फसल : प्रखंड के दियारा क्षेत्र स्थित सारंगपुर गांव में रविवार की मध्य रात्री में हुई अगलगी की घटना में 46 घर जलकर राख हो गये. जबकि अगलगी के दौरान घरों से सटे कई एकड़ क्षेत्रफल में तैयार गेंहू की खड़ी फसल के खेत भी इसकी चपेट में आ गये. जिसके कारण फसलों को भी भारी क्षति हुई. एसडीएम बालमुकुंद प्रसाद ने कहा की अगलगी के दौरान घरों में बंधे 5 बकरियां भी मरी हैं, जिनके मालिकों को नियमानुसार मुआवजा दिया जायेगा.
छोटी-सी चिनगारी को हवा का साथ मिला तो, आग ने तबाही का रूप धारण कर लिया. इसकी चपेट में आकर दियरा में बसे सारंगपुर गांव की दलित बस्ती की 46 झोंपड़ियां जल कर खाक हो गयीं.
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