छात्रवृत्ति के लिए धक्के खा रहे छात्र
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आरटीपीएस काउंटर व बैंक का अभिभावकों के साथ रोज लगा रहे चक्कर
छात्रवृत्ति के लिए धक्के खा रहे छात्र घंटों कतार में खड़े होने को लाचार हैं छोटे-छोटे बच्चे आरा/बिहिया : स्कूली छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान उनके बैंक खातों के माध्यम से कराने की प्रक्रिया छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है़ बैंक में खाता खुलवाने के लिए जरूरी आवासीय प्रमाणपत्र का […]
घंटों कतार में खड़े होने को लाचार हैं छोटे-छोटे बच्चे
आरा/बिहिया : स्कूली छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान उनके बैंक खातों के माध्यम से कराने की प्रक्रिया छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है़ बैंक में खाता खुलवाने के लिए जरूरी आवासीय प्रमाणपत्र का फार्म जमा करने व प्रमाणपत्र लेने हेतु छात्रों व उनके अभिभावक को पहले तो प्रखंड कार्यालय के आरटीपीएस काउंटर पर कई दिनों तक धक्के खाना पड़ता है, और फिर खाता खुलवाने के लिए बैंकों का चक्कर लगाना उनकी मजबूरी बन गयी है़
अहले सुबह से लगती है लाइन
बैंकों में खाता खुलवाने से पहले आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चे, छात्राएं व उनक अभिभावक भी रोजाना अहले सुबह से हीं दूर-दराज के गांवों से
आकर ठिठुरन भरी ठंढ में घंटों कतार में खड़े रहते हैं. आवेदन जमा करने के लिए सुबह 5 बजे से हीं लोग काउण्टर पर खड़े हो जा रहे हैं और आवेदन जमा हो जाने पर चैन की सांस लेते हैं. मंगलवार को यहां प्रखंड के बनकट गांव की 8 वर्षीय वंदना, ज्योतिष कुमार व दोघरा टोला का विशाल भीड़ में पीसते हुए नजर आये़ आवासीय प्रमाणपत्र लेने के बाद बैंकों का
चक्कर शुरू हो जाता है. बैंकों में भी छात्रों व अभिभावकों को कम परेशानियां नहीं झेलनी पड़ रही हैं. बैंकों द्वारा रोजाना 10 से 20 की संख्या में खाता खोलने का फार्म दिया जा रहा है. जिससे पहले जो आया उसी का खाता खोला जा रहा है़ अन्य लोगों को फिर अगले दिन बैंक का चक्कर लगाते देखा जा रहा है़
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