आरा : तरारी विधानसभा क्षेत्र से इस बार महागंठबंधन ने जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए केंद्र में मंत्री रह चुके कांग्रेस नेता डा. अखिलेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. इधर एनडीए ने अब तक इस सीट पर अपने प्रत्याशी की औपचारिक घोषणा नहीं की है. इस सीट से जदयू की टिकट पर विधायक बने सुनील पांडेय आरा कोर्ट परिसर में बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी लंबू शर्मा को संरक्षण देने के मामले में तीन महीने से जेल में थे.
जेल में रहते हुए ही उन्होंने जदयू से इस्तीफा देकर लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल होने की घोषणा की थी. यह माना जा रहा है कि इस सीट पर लोजपा की टिकट से सुनील पांडेय की पत्नी चुनाव लड़ेगीं.
वैसे सुनील पांडेय के समर्थक यह चाहते हैं कि इस बार भी सुनील पांडेय खुद चुनाव मैदान में उतरें. पति या पत्नी के बदले कोई भी इस पर चुनाव लड़े, लेकिन यह तय है कि यहां मुकाबला आमने-सामने का है. कांग्रेस प्रत्याशी डा. अखिलेश सिंह का संसदीय राजनीति का लंबा अनुभव रहा है. साथ ही उनकी छवि अच्छी है.
उनके सामने सबसे बड़ी परेशानी यहां पर बाहरी-भीतरी का मुद्दा होगा. उनका इसी विधानसभा क्षेत्र के एकवारी गांव में ममहर है. अपना चुनाव प्रचार में भी वे इस रिश्ते का उल्लेख जरूर कर रहे हैं. इस सीट पर माले का भी वोट वैंक है. इस सीट पर माले पूरी ताकत के साथ उतरती रही है.
दरअसल भोजपुर के इस इलाके में माले और रणवीर सेना के बीच लड़ाई का इतिहास रहा है. भूमिहीन किसानों, पिछड़ों व प्रगतिशील जमात में माले की अच्छी पकड़ है. हलांकि जातीय समीगरण के कारण इसका फायदा एनडीए को और नुकसान महागंठबंधन को होना है.
कब-कौन जीता, हारा
वर्ष जीते हारे
2010 सुनील पांडेय (जदयू) आबिद रिजवी (राजद)
विस चुनाव लोस चुनाव
पार्टी 2010 2014
जदयू 48413 9515
राजद 34093 30856
तरारी में 286054 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. यहां पुरुष मतदाता-155830 और महिला मतदाता-130210 है, थर्ड जेंडर-14 है.