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शादी रचाने दूर-दूर से लोग आते हैं महथिन माई मंदिर
ढोलक की थाप व लाउडस्पीकर पर गूंज रहे मंगल गीत शादी के बाद वर और कन्या पक्ष को मिलता है प्रमाणपत्र बिहिया : नगर पंचायत, बिहिया स्थित महथिन माई मंदिर में इन दिनों शादी करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आ रहे हैं वर और कन्या पक्ष के लोगों के जुटने के कारण मंदिर […]
ढोलक की थाप व लाउडस्पीकर पर गूंज रहे मंगल गीत
शादी के बाद वर और कन्या पक्ष को मिलता है प्रमाणपत्र
बिहिया : नगर पंचायत, बिहिया स्थित महथिन माई मंदिर में इन दिनों शादी करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आ रहे हैं वर और कन्या पक्ष के लोगों के जुटने के कारण मंदिर परिसर खचाखच भरा है.
शनिवार को मंदिर परिसर में 38 जोड़ों की शादियां संपन्न हुई. ढोलक की थाप पर मंगल गीत थमने का नाम नहीं ले रहा. शादी संपन्न होने के बाद वर और कन्या पक्ष के लोग एक साथ भोजन पाती में पर बैठ कर करते हैं. महथिन मंदिर विकास समिति के सचिव जानकी सिंह ने बताया कि इस बार लगन में शनिवार तक 840 जोड़ों की शादी होचुकी है और रोजाना करीब एक दर्जन जोड़ों की शादी हो रही है़ मंदिर परिसर में बनी धर्मशाला की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है़
वाहनों की लग रहीं कतारें
शादी में शामिल होने के लिए वर और कन्या पक्ष के लोग प्रतिदिन दर्जनों वाहनों पर सवार होकर पहुंच रहे हैं, जिससे मंदिर परिसर के बाहर ऑटो, बस, कार, मैक्सी, पिकअप, ट्रैक्टर और मोटरसाइकिलों की कतारें लग गयी हैं. मंदिर परिसर के आसपास गाड़ियां ही गाड़ियां दिखती हैं
चट मंगनी पट ब्याह के तर्ज पर होती हैं शादियां : परंपरागत शादियां एक ओर जहां काफी खर्चीली, तामझाम और आडंबरपूर्ण तरीके से होती हैं. वहीं दूसरी तरफ महथिन माई मंदिर आदर्श विवाह के केंद्र के रूप में पूरी तरह स्थापित हो चुका है़ यहां कम समय और कम बजट में चट मंगनी और पट विवाह के तर्ज पर शादियां संपन्न होती हैं
कुछ घंटों में पूरी जाती है रस्म
महथिन मंदिर में शादी की रस्म अदायगी महज घंटे दो घंटे में पूरी हो जाती है़ पूरी सादगी के साथ तिलक, हल्दी, गुरहथी और शादी की सभी रस्में फटाफट संपन्न हो जाती हैं
शौकीन लोग तो बैंड-बाजे की धुन पर बरात भी लगाते हैं. अपने वाहन पर विवाह के सभी साजो-सामान लाद कर लोग मंदिर पहुंचते हैं और शाम तक सभी मांगलिक कार्य पूरा कर अपने घरों को लौट जाते हैं
शादी का मिलता प्रमाणपत्र
महथिन मंदिर में शादी रचाने आये वर पक्ष से 101 रुपये और कन्या पक्ष से 51 रुपये लेकर मंदिर कमेटी द्वारा रसीद दी जाती है, जो शादी का रजिस्ट्रेशन और प्रमाणपत्र है़
नहीं है सुरक्षा का कोई इंतजाम
काफी भीड़-भाड़ होने के बाद भी मंदिर परिसर में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है, जिससे आये दिन वर और कन्या पक्ष के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मंदिर के सचिव सह नप उपाध्यक्ष जानकी सिंह ने बताया कि सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं रहने से शराब पीकर कई लोग उत्पात मचाते हैं तथा अक्सर मंदिर में मारपीट की घटनाएं हो रही हैं, फिर भी प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है़
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