आरा : जिले के पेट्रोल पंपों पर सरकारी आदेश की धज्जी उड़ायी जा रही है. उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए सरकार ने पेट्रोल पंपों पर कई तरह की नि:शुल्क सेवाएं देने का आदेश जारी किया है. पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा उपभोक्ताओं को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है. इतना ही नहीं कई पेट्रोल पंपों पर तेल में मिलावट करके उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है. वहीं वजन में भी काफी गड़बड़ी की जा रही है. इसके रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा कोई कारगर उपाय नहीं किये जा रहे हैं. वहीं तेल कंपनियों द्वारा भी इसकी जांच कर उचित कार्रवाई नहीं की जा रही है. पेट्रोल पंपों पर आरओ की व्यवस्था नहीं की गयी है. जिले में कुल 94 पेट्रोल पंप हैं.
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पेट्रोल पंपों पर सरकारी फरमान बेअसर उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहीं सुविधाएं
आरा : जिले के पेट्रोल पंपों पर सरकारी आदेश की धज्जी उड़ायी जा रही है. उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए सरकार ने पेट्रोल पंपों पर कई तरह की नि:शुल्क सेवाएं देने का आदेश जारी किया है. पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा उपभोक्ताओं को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही […]
मानक की उड़ायी जा रहीं धज्जियां : जिले के अधिकतर पेट्रोल पंप मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. कागज में तो मानक पूरे हैं, धरातल पर सब गायब हैं. पंपों पर सुरक्षा की दृष्टि से न तो सीसीटीवी व गार्ड की व्यवस्था और न ही शौचालय और कंप्रेशर की सुविधा. जिला प्रशासन भी कभी इस ओर ध्यान नहीं देता.
कई पेट्रोल पंपों पर नहीं लगाये गये हैं अग्निशमन यंत्र : पेट्रोल पंपों पर मानकों के तहत सुरक्षा अग्निशमन यंत्र नहीं लगाये गये हैं. इस कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. जबकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सभी पेट्रोल पंपों पर अग्निशमन यंत्र लगाया जाये.
पंपों पर नहीं लगाये गये बोर्ड : पंप संचालकों को पेट्रोल पंपों पर मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध, नो स्मोकिंग के बोर्ड लगने के लिए भी निर्देश है. किसी भी पेट्रोल पंप पर मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध, नो स्मोकिंग के बोर्ड नहीं लगे हैं. इस कारण कभी भी आगजनी की दुर्घटनाएं हो सकती हैं. जो लोगों के लिए हानिकारक साबित होगी.
इसके अलावा पुरुष और महिलाओं के लिए टॉयलेट की सुविधा देनी है लेकिन अब तक किसी भी पंप पर इस प्रकार के टॉयलेट का निर्माण नहीं हुआ है.
नाप में की जा रही है गड़बड़ी : नाप में गड़बड़ी का खेल चल रहा है. मिलावटी पेट्रोल व मात्रा में कमी से ग्राहकों की जेब कट रही है. वहीं पेट्रोल की नाप में हेराफेरी से वाहनों की एवरेज की समस्या खड़ी हो रही है. इससे वाहन चालकों को समय- असमय पेट्रोल खत्म होने से अनावश्यक परेशानियों का सामना करना होता है.
प्रति सप्ताह जांच का है नियम : पेट्रोल पंपों की जांच प्रति सप्ताह होनी चाहिए, पर प्रशासन, तेल कंपनियां, माप तौल विभाग जांच नहीं कर पा रहे हैं. पेट्रोल पंप संचालक ग्राहकों की जेब काट रहे हैं. इससे ग्राहकों को काफी परेशानी हो रही है.
पेट्रोल पंपों पर कंप्लेंट बुक रहने के बाद भी ग्राहकों को नहीं दी जाती है. नियमानुसार शिकायत को लेकर ग्राहक को कंप्लेंट बुक पर लिखना पड़ता है.
पंप संचालकों द्वारा कंप्लेंट बुक नहीं देने से ग्राहक शिकायत नहीं कर पाते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
मामला संज्ञान में नहीं था. एक सप्ताह के अंदर पेट्रोल पंपों की जांच की जायेगी. गड़बड़ी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
संजीव कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी
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