आरा/सहार : बालू माफिया विभाग की मिलीभगत से सोन नद से अवैध बालू का खनन लगातार कर रहे हैं. सुनहरे बालू के काले कारनामे दिन के उजाले में धड़ल्ले से किया जा रहा है. इस कारण सोन के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. न्यायालय व सरकार ने बालू खनन के लिए नियमावली बनायी है. उसके अनुसार ही बालू का उठाव करना है, पर बालू माफिया नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं और मनमर्जी से बालू का
खनन कर रहे हैं. प्रखंड के बरूही, अवगीला, पेऊर, करवासीन, खैरा, खड़ांव व अंधारी से बालू उठाव का आदेश जिला प्रशासन द्वारा दिया गया है, लेकिन बालू उठाव के लिए जगह को इंगित नहीं किया गया. इस कारण दर्जनों घाटों से बालू का अवैध उठाव किया जा रहा है.
चालान के नाम पर की जा रही है अवैध वसूली: बालू माफियाओं द्वारा चालान के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है. इससे ग्रामीणों को काफी महंगी दर पर बालू उपलब्ध हो पा रहा है. इतना ही नहीं, कई बार दलालों द्वारा भी राशि की उगाही की जा रही है.
खनन के लिए बदल दे रहे पानी की धारा: नियम विरुद्ध बालू खनन करने से सोन के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. हालात यहां तक पहुंच गये हैं कि बालू माफिया अवैध खनन के लिए सोन में पानी की धारा को बदल दे रहे हैं. पानी की धारा को बदलकर अरवल की तरफ कर दे रहे हैं. सरकारी आदेशानुसार बालू का उठाव तीन फुट की जगह 20 से 25 फुट तक किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है. वहीं सोन तटीय गांवों के जल स्तर भी प्रभावित हो रही है, जिससे गर्मी के दिनों में इन गांवों के चापाकलों के सूखने की समस्या सामने आती है.
गीले बालू का किया जा रहा है उठाव: जिला पदाधिकारी के गीले बालू का उठाव नहीं करने के कड़े आदेश के बाद भी बालू माफियाओं द्वारा पानीयुक्त बालू की लोडिंग पूरे दिन की जा रही है. इससे सड़क के किनारे बराबर कीचड़ लगी रहती है. साथ ही सड़क जर्जर हो रही है. वहीं सड़क पर पानी एवं बालू पसरने से दोपहिया वाहनचालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है, लेकिन घाट संचालकों द्वारा सड़क से बालू की साफ- सफाई नहीं करायी जा रही है.
बालू घाटों पर नहीं लगाया गया है धर्मकांटा: बालू घाटों पर धर्मकांटा नहीं लगाया गया है. जबकि बालू की चोरी रोकने के लिए सरकार ने सभी बालू घाटों पर धर्मकांटा लगाने का आदेश दिया है, पर बालू ठेकेदारों द्वारा सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है. वहीं चालान के निर्धारित दर 1000 रुपये की जगह 13 से 15 सौ रुपये की अवैध वसूली की जा रही है. इससे बालू ढुलाई में लगे वाहनमालिकों को भी परेशानी हो रही है. अधिक बालू लोडिंग करने के नाम पर राशि की उगाही की जा रही है.
अवैध खनन से गांव को खतरा: माफियाओं द्वारा सोन तटीय क्षेत्र समीप स्थित घनी बस्ती के आसपास से बालू का उठाव किया जा रहा है. जो प्रखंड के खैरा और अवगीला गांव में घनी आबादी के पास से बालू का उठाव किया जा रहा है, जो खनन के नियमों के विरुद्ध है. सोन नदी तट से महज 10 मीटर की दूरी पर किया जा रहा है, जिससे नदी की धारा सहार क्षेत्र की ओर से होने पर अवगीला गांव काल के गाल में समा सकता है. इससे पहले कि अवगीला में कटाव को रोकने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से लायलोन बैग लगाया गया था, ताकि बालू कटाव से उसका प्रभाव कम हो सकता है.
प्रशासन की उदासीनता से राजस्व की हो रही है क्षति: ग्रामीण क्षेत्र में पहले अवैध तरीके से साइकिल से ढोया जा रहा था, लेकिन वर्तमान में बालू के उठाव में सैकड़ों मोटरसाइकिलों को लगाया गया है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. इससे सरकार को भारी राजस्व की क्षति हो रही है.
निर्धारित क्षेत्र से अधिक में हो रहा बालू का उठाव
सहार में दो दर्जन से ज्यादा घाटों से बालू का उठाव किया जा रहा है. जबकि सरकार ने बालू घाटों की संख्या और प्रति घाट 25 हेक्टेयर क्षेत्र से बालू निकासी का आदेश दिया है, लेकिन बालू माफिया सरकार के आदेश व स्थानीय प्रशासन की सुस्ती के कारण निर्धारित घाटों से अधिक बालू घाटों से बालू का उठाव किया जा रहा है. इस पर स्थानीय प्रशासन काफी सुस्त है. इस कारण माफिया इस सुस्ती का भरपूर फायदा उठा रहे हैं.
गोलीबारी के 20 दिन बाद भी आरोपित फरार
ट्रकचालक से लूटपाट करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
पूर्व में भी जेल जा चुका है आशीष
ट्रक चालक के साथ लूटपाट व हत्या करने के मामले में गिरफ्तार आरोपित आशीष महतो उर्फ आशा नंदन विंद पूर्व में भी छिनतई और चोरी के मामले में जेल जा चुका है. इसे पूर्व में नगर थाना पुलिस रंगे हाथ पकड़कर जेल भेज चुकी है.