कहीं आयोजित हुआ सेमिनार, तो कहीं समारोह
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मुंशी प्रेमचंद की विभिन्न संगठनों ने मनायी जयंती
कहीं आयोजित हुआ सेमिनार, तो कहीं समारोह आरा : विभिन्न संगठनों ने मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किये. इस दौरान कहीं सेमिनार का आयोजन हुआ, तो कहीं समारोह आयोजित किया गया. जयंती को लेकर ब्रह्मांड पार्टी ने आधुनिक युग में प्रेमचंद की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन किया. आयोजन विश्व भोजपुरी हिंदी […]
आरा : विभिन्न संगठनों ने मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किये. इस दौरान कहीं सेमिनार का आयोजन हुआ, तो कहीं समारोह आयोजित किया गया. जयंती को लेकर ब्रह्मांड पार्टी ने आधुनिक युग में प्रेमचंद की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन किया. आयोजन विश्व भोजपुरी हिंदी विकास महासंघ व महापुरुष प्रेरणा उत्थान समिति के सहयोग से किया गया. इस अवसर पर जितेंद्र कुमार ने कहा कि आधुनिक युग में प्रेमचंद की कहानियों से उनकी दूरदृष्टि का पता चलता है.
वहीं जनहित परिवार के सचिव अतुल प्रकाश ने कहा कि प्रेमचंद यथार्थवादी लेखक थे. डाॅ कमल कुमार सिंह ने कहा कि प्रेमचंद को भुलाया नहीं जा सकता है. जबकि राम प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रेमचंद महापुरुष, कहानीकार व उपन्यासकार थे. इस अवसर पर देवेंद्र कुमार, रूबी कुमारी, संजय कुमार अकेला, अंजु देवी, सारिका, रवि शंकर प्रसाद, संजय कुमार सिंह, बालेंदु शेखर गुप्त आदि थे. हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा भी उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जैन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ पारसनाथ सिंह ने दीप प्रज्वलित कर जयंती समारोह का उद्घाटन किया तथा कहा कि वह आदर्शोंन्मुख यथार्थवादी उपन्यासकार थे. उन्होंने शोषितों, पीड़ितों व किसान मजदूरों की भावनाओं को अपने उपन्यास में स्थान दिया.
बीडी सिंह ने कहा कि उन्होंने गांवों की समस्याओं को आकर्षक ढंग से चित्रित किया. वहीं आचार्य भारत भूषण पांडेय ने प्रेमचंद को उपन्यास और कथा साहित्य का सम्राट बताया. इस अवसर पर संचालन प्रो रणविजय कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन वेंकटेश रामानुज ने किया. इस अवसर पर प्रो विजय कुमार सिंह, लक्ष्मी नारायण राय, रंजीत कुमार माथुर, डॉ कमल कुमारी सिंह, प्रो किरण कुमारी, शिवदास सिंह आदि उपस्थित थे. वहीं जनपथ द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता जितेंद्र कुमार एवं रवींद्रनाथ राय ने की.
इस अवसर पर अनंत कुमार सिंह ने कहा कि प्रेमचंद की दृष्टि में विचारों की स्वतंत्रता जरूरी है. मुंशी प्रेमचंद ने अपने समृद्ध साहित्य में भारत के ग्रामीण परिदृश्य में किसानों का जीवन चित्रण किया है. ओम प्रकाश मिश्र ने प्रेमचंद की गहरी संवेदना पर प्रकाश डाला. वहीं मंच संचालन करते हुए आशुतोष कुमार पांडेय ने प्रेमचंद को उपन्यास सम्राट बताया. इस अवसर पर राघवेंद्र पांडेय, रवींद्रनाथ राय, पवन तिवारी, डीके मिश्र, दीपक तिवारी, दिलीप कुमार आदि थे.
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