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शिवरात्रि पर हर-हर महादेव से गूंजे शिवालय

सुबह से ही भक्तों का मंदिरों में लगा रहा तांता आरा/शाहपुर. श्रावणी शिवरात्रि पर मंदिरों में शुक्रवार की सुबह से ही भक्तों का तातां लगा रहा. जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में पूरे दिन कीर्तन व भजन का दौर चलता रहा.शिवालय हर-हर महादेव के नारों से गूंज रहे थे तो मंदिरों से दूध व जल […]

सुबह से ही भक्तों का मंदिरों में लगा रहा तांता
आरा/शाहपुर. श्रावणी शिवरात्रि पर मंदिरों में शुक्रवार की सुबह से ही भक्तों का तातां लगा रहा. जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में पूरे दिन कीर्तन व भजन का दौर चलता रहा.शिवालय हर-हर महादेव के नारों से गूंज रहे थे तो मंदिरों से दूध व जल की धारा निकल रही थी.भगवान शिव के गीतों से पूरा माहौल शिवमय हो गया था. महिला श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर पूरे विधान के साथ भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-अर्चन की. बुढ़वा महादेव, सिद्धनाथ मंदिर बिंदटोली, पातालेश्वरनाथ मंदिर महाजन टोली, सहदेव गिरी मंदिर कतिरा व शिवगंज शिव मंदिर में काफी भीड़ रही. वही जिले के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक शाहपुर का कुडवा शिवमंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई थी.
मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था. सावन के महीने में भगवान शंकर की पूजा- अर्चना का अलग महत्व है. बाकी दिनों के मुकाबले शिव मंदिरों में शिवरात्रि को भक्तों का तांता लगा रहा. शहर के तमाम शिव मंदिरों के साथ ही दूर-दराज के मंदिरों की साफ सफाई में लोग लगे रहे. बुढ़वा महादेव मंदिरों में पूरे दिन भजन कीर्तन का दौर चलता रहा.
ट्रेनों में भी रही भीड़ : श्रावणी मेला शुरू होने के बाद हजारों लोग बाबाधाम दर्शन के लिए जा रहे हैं. ऐसे में यूपी से ही ट्रेनें फुल आ रही हैं. इसके कारण मुगलसराय से पटना के बीच स्टेशनों पर सवार होनेवाले यात्री ट्रेन में प्रवेश ही नहीं कर पा रहे हैं. ट्रेनों के आने के बाद बोगी में प्रवेश करने के लिए लोगों में मारामारी की स्थिति बनी रहती है. ब्रह्मपुर धाम से पूजा कर लौटने वालों से लोगों से ट्रेनें भरी हुई थीं.
पृथ्वी लोक पर रहकर समस्त धरतीवासियों की भगवान करते है रक्षा : सावन शिवरात्रि मनाई गयी. 21 जुलाई को रात्रि 9 बजकर 49 मिनट से चतुर्दशी तिथि आरंभ हो गयी और अगले दिन यानी कि 22 जुलाई को 6 बज कर 27 मिनट तक रहेगी. इस दौरान सभी शिवभक्त भक्तिभाव से शिवपूजन में लीन रहे.
कहा जाता है कि सावन माह के प्रारंभ होते ही सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु विश्राम के लिए अपने लोक चले जाते हैं और अपना सारा कार्यभार भगवान शिव को सौंप देते हैं. भगवान शिव माता पार्वती के संग पृथ्वी लोक पर रहकर समस्त धरतीवासियों के संरक्षण का काम करते हैं. भगवान शिव को लेकर सावन महीना इसलिए भी खास है.

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