29 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में ODF योजना पर ‘लापरवाही का ताला’, शौचालय की देखें हकीकत

कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में ओडीएफ को लेकर चलायी गयी योजना में लापरवाही बरती गयी है. एक तरह से कहें तो इस योजना में उदासीनता-लापरवाही का ताला लगा हुआ है, जिससे लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है.

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 10

पूर्णिया के वार्ड नंबर इक्कीस का बाड़ीहाट मुहल्ला. कचरा से भरे नाले के किनारे पर पांच इंच की दीवार से घिरा छोटा सा कैम्पस जिसमें लोहे का ग्रिल लगा है और उसमें ताला भी लगा हुआ है. यहां बौआ पांडे से मुलाकात होती है. शौचालय के बारे में पूछते ही बोलते हैं- ‘यहां तऽ सर, शौचालय का कोनो दिक्कत नय है, बस तलवे खुले का देर है. ई तऽ बहुत पहले ही बन गया था पर का करें, अब तक लॉक पड़ा हुआ है.

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 11

भागलपुर के सन्हौला प्रखंड मुख्यालय से सटे सन्हौला पंचायत के वार्ड संख्या छह स्थित शीशम बगान में लाखों की लागत से बना शौचालय का रखरखाव नहीं हो पा रहा है. पानी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पायी है. यहां एक साल से शौचालय बंद पड़ा है.

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 12

सहरसा के सभी 141 पंचायतों को प्रथम चरण में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है. शहरी क्षेत्र में कई ऐसे शौचालय हैं, जहां निर्माण के बाद से अब तक ताला लटका है. यह हालत डीलक्स शौचालयों तक में है. शहरी क्षेत्र में पांच जगहों पर डिलक्स सुलभ शौचालय का निर्माण किया गया है. जिनमें से मात्र दो कार्यरत हैं और तीन आज भी बंद हैं. लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है.

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 13

जमुई जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के केंडीह पंचायत में मलहु मांझी का घर है. 2 साल पहले वहां शौचालय बनवाया गया तथा ग्रामीणों के लिए भी एक अन्य शौचालय बनवाया गया. वर्तमान में उक्त शौचालय की स्थिति ऐसी है कि वहां परिवार के लोगों के द्वारा इंट पत्थर व अन्य कूड़ा कचड़ा रखा गया है. जबकि एक अन्य शौचालय को बिजली घर बना दिया गया है. वहां से बिजली का तार लेकर बल्ब जलाया जाता है. शौचालय के लिए लगाया गया पिट को उखाड़ दिया गया है और लोग खुले में ही शौच जा रहे हैं.

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 14

जमुइ: जब ग्राम पंचायतों को ओडीएफ किया जा रहा था तब जनकवा देवी के घर में भी दो शौचालय बनवाए गए थे. शौचालय की राशि का भुगतान भी किया गया था. लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया गया था. लेकिन जनकवा देवी और उनके परिजनों के द्वारा एक भी दिन शौचालय का इस्तेमाल नहीं किया गया. इतना ही नहीं धीरे-धीरे उक्त शौचालय में मिट्टी भर दिया गया, जिससे वह पूरी तरह जमींदोज हो गया है. पूछने पर जनकवा देवी ने कहा कि यह तो ऐसे ही रखे रखे मिट्टी से ढक गया है.

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 15

सहरसा के सभी 141 पंचायतों को प्रथम चरण में ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है. कोई पंचायत ऐसा नहीं है, जहां शौचालय नहीं है. नवहट्टा प्रखंड के बकुनिया में लगभग पांच वर्ष पूर्व सामुदायिक शौचालय बना था. जिस पर एक परिवार ने कब्जा कर उसे जलावन का घर बना लिया है

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 16

स्वच्छ भारत मिशन और लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत मुंगेर जिला को वर्ष 2018 में ही ओडीएफ जिला घोषित कर दिया गया. लेकिन आज भी शहर से लेकर गांव तक लोग खुले में शौच करने के लिए जा रहे हैं. शहर में बने अधिकांश सामुदायिक शौचालय में या तो ताला लटका हुआ है अथवा जो खुले हैं उसमें गंदगी का भरमार है. जिसके कारण उपयोग नहीं हो रहा है.

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 17

अररिया जिले को ओडीएफ तो घोषित कर दिया गया लेकिन आज भी लोग शहर में भी खुले में शौच के लिए जा रहे हैं. शहर के अत्यधिक व्यस्त क्षेत्र में शामिल मुख्य हटिया बाजार, कचहरी, निबंधन कार्यालय, बस पड़ाव, प्रखंड परिसर के पास, हॉस्पिटल, सब्जी मार्केट आदि क्षेत्र में सबसे अधिक भीड़भाड़ वाला इलाका होता है

Undefined
पड़ताल: बिहार के कोसी-सीमांचल व अंग क्षेत्र में odf योजना पर 'लापरवाही का ताला', शौचालय की देखें हकीकत 18

खुले में शौच मुक्त जिला बांका घोषित है. वर्ष 2019 में पंचायत के तत्कालीन मुखिया ने इसकी स्वघोषणा की थी. शौचालय का निर्माण भी काफी संख्या में हुआ है. गरीब व वंचित गांव में भी शौचालय की योजना बड़ी तेजी से ले जायी गयी. परंतु, देखा जाय तो ओडीएफ घोषित इस जिले के दो चेहरे हैं. अगर जिला मुख्यालय की बात करें तो यहां अनुमंडल कार्यालय परिसर में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया है. लेकिन, लंबे वक्त से इसमें ताला जड़ा हुआ. साफ-सफाई के अभाव में यह कूड़ेदान के रूप में बदल गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें