बाल गृह से भागे नौ बच्चे, छह मिले, कहा
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कपड़े धुलने व खाना बनाने को कहते हैं, नहीं करने पर पीटते हैं
बाल गृह से भागे नौ बच्चे, छह मिले, कहा भागलपुर : जीरोमाइल थाना क्षेत्र में स्थित बाल गृह से बुधवार की शाम नौ बच्चे भाग निकले. भागे बच्चों में छह को बुधवार की रात ही बरामद कर लिया गया है. तीन बच्चे जीरोमाइल से जबकि तीन बच्चे तिलकामांझी थाना क्षेत्र से मिले. तिलकामांझी पुलिस ने […]
भागलपुर : जीरोमाइल थाना क्षेत्र में स्थित बाल गृह से बुधवार की शाम नौ बच्चे भाग निकले. भागे बच्चों में छह को बुधवार की रात ही बरामद कर लिया गया है. तीन बच्चे जीरोमाइल से जबकि तीन बच्चे तिलकामांझी थाना क्षेत्र से मिले. तिलकामांझी पुलिस ने तीनों बच्चों को चाइल्डलाइन के हवाले कर दिया.
चाइल्डलाइन ने तीनों बच्चों को बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक को सौंप दिया. सभी बच्चे कमरे की खिड़की में लगे लोहे के रॉड को आरी-पत्ती से काट कर भाग निकले थे. भाग निकले बच्चाें ने बाल गृह के अध्यक्ष प्रदीप कुमार, गृह पिता अनंत राम और सचिव देवचंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाये हैं.
कपड़े धुलने व खाना…
बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक सीमा कुमारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल गृह के अधीक्षक को शो-कॉज किया है. बच्चों का कहना है कि इन सभी लोगों द्वारा प्रताड़ित किये जाने की वजह से ही वे भागने को मजबूर हुए. चाइल्डलाइन को सुपुर्द किये गये बच्चों में से एक ने अपना घर बौंसी बताया, एक ने रांची स्थित हटिया बताया. तीसरा बच्चा बोल नहीं पाता इसलिए अपने घर का पता बताने में वह असमर्थ है. इस घटना के बाद बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक सहित कई अधिकारी गुरुवार को बाल गृह पहुंचे और सच जानने की कोशिश की.
कमरा बंद कर बच्चों की होती है बेरहमी से पिटाई
बाल गृह से भागने वाले बच्चों ने वहां के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये हैं. बाैंसी और रांची के हटिया के रहने वाले बच्चों ने बताया कि बाल गृह में सभी बच्चाें से किचेन का काम कराया जाता है. अध्यक्ष, सचिव और गृह पिता खुद का और अपने परिजनों का कपड़ा धुलवाते हैं. साफ-सफाई का भी काम उन्हीं से कराया जाता है. काम करने से मना करने पर ये तीनों व्यक्ति बच्चों को जम कर पीटते हैं. भाग निकले बच्चों का कहना है कि कमरा बंद कर बच्चों को बेरहमी से पीटा जाता है. बच्चों का कहना है कि अच्छा खाना बनवा कर गृह के सचिव ऊपर के कमरे में मंगवाते हैं जहां वे अपने परिवार के साथ खाना खाते हैं.
मानसिक रूप से बीमार बच्चों का पैर जूते से दबाते हैं
बाल गृह से भागनेवाले बच्चों ने बाल गृह के अधीक्षक, गृह पिता और सचिव पर आरोप लगाया कि वे मानसिक रूप से बीमार बच्चों को भी नहीं छोड़ते. बच्चों ने बताया कि वे लोग वैसे बच्चों का पैर अपने जूते से दबा देते हैं और नीचे पटक कर पीटते हैं. बच्चों का कहना है कि उन्हें साबुन लगाने के लिए भी नहीं दिया जाता. गंदगी होने की वजह से बच्चों में चर्म रोग की समस्या बढ़ गयी है. यह भी आरोप लगाया कि बच्चे को वापस घर ले जाने के लिए आने वाले गार्जियन से पैसे लेने के बाद ही उन्हें जाने दिया जाता है.
पिछले साल भी बच्चों ने लगाये थे गंभीर आरोप
गृह विभाग के पदाधिकारियों पर पहली बार बच्चों ने आरोप नहीं लगाये हैं. पिछले साल जून में बाल गृह के अंदर पदाधिकारी की पिटाई से गंभीर रूप से घायल बच्चे ने मायागंज में इलाज के दौरान पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये थे. बौंसी बवनगांवा के रहनेवाले बच्चे ने कहा था कि एक बच्चे से खेलने में झगड़ा हो गया तो बाल गृह के एक पदाधिकारी ने उसे कमरे में बंद कर बांस की बत्ती से बेरहमी से पीटा. एक आंख खराब वाले उस पदाधिकारी ने पीटते हुए यह भी कहा कि उसकी बात नहीं मानने वाले तीन बच्चों को वह गंगा में फेंक चुका है. उस पदाधिकारी ने कुछ बच्चों से इस मामले में पूछ कर बताया भी. वहां मौजूद बच्चों ने कहा कि सर ने सही में तीन बच्चों को गंगा में फेंक दिया था.
अध्यक्ष, गृह पिता और सचिव पर लगाये आरोप
खिड़की में लगे लोहे के रॉड काट कर भागे सभी
बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक ने बाल गृह के अध्यक्ष को शो-कॉज किया
बाल गृह से भागे बच्चे का मामला गंभीर है. यह एक चिंताजनक विषय है. बाल गृह अधीक्षक से घटना को लेकर स्पष्टीकरण पूछा गया है. मिले बच्चों ने बाल गृह के अधीक्षक के खिलाफ शिकायतें की हैं, इस पर भी पूछताछ होगी. बच्चों को सुविधा नहीं देने को लेकर जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
सीमा कुमारी, सहायक निदेशक
बाल संरक्षण इकाई, भागलपुर
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