भागलपुर: प्राइवेट कंपनी में नौकरी करनेवालों को नौकरी बदलने पर अब नया बैंक अकाउंट खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. किसी भी बैंक में एकाउंट क्यों न हो, सैलरी उसी एकाउंट में ही जमा हो सकेगी. प्राइवेट कंपनी का किसी न किसी बैंक में कांट्रेक्ट रहता है और इंप्लाइज को कंपनी के मुताबिक ही सैलरी एकाउंट बैंक में खोलना होता है. अब यह जरूरी नहीं कि कंपनी का जिस बैंक से कांट्रेक्ट है, उसमें ही आपका एकाउंट हो.
यही नहीं, अगर किसी और बैंक से लोन ले रखा है और सैलरी किसी दूसरे बैंक के एकाउंट में आ रहा है, तो उसकी इएमआइ भी सैलरी एकाउंट से कट कर खुद दूसरे बैंक के लोन अकाउंट में चला जायेगा. यह सेवा रिजर्व बैंक की इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (इसीएस) सेवा शुरू होने से मुमकिन हो सका है.
बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लोन के एवज में लिये जानेवाले पोस्ट डेट चेक पर रोक लग गयी है. अधिकारियों ने बताया कि आरबीआइ का सकरुलर है कि लोन की किस्त इसीएस के तहत ही लिया जाना है. उन्होंने बताया कि जो ग्राहक पोस्ट डेट चेक जमा कर चुके हैं, उन्हें वापस कर इसीएस के बारे में सूचित करने को कहा गया है.