अधीक्षक ने इमरजेंसी एसओडी को लगायी फटकार तब चढ़ा मरीज को खून
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बीएचटी खो दिया नर्स ने, मरीज को खून चढ़वाने दौड़ते रहे परिजन
अधीक्षक ने इमरजेंसी एसओडी को लगायी फटकार तब चढ़ा मरीज को खून दोषी नर्स का रोका जायेगा एक साल का इंक्रीमेंट भागलपुर : जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी में एक बार फिर नर्सों की लापरवाही का मामला सामने आया. ड्यूटी कर रही नर्सों ने बीएचटी को खो दिया. फिर इंफारमेशन रजिस्टर को आलमारी में बंद कर घर […]
दोषी नर्स का रोका जायेगा एक साल का इंक्रीमेंट
भागलपुर : जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी में एक बार फिर नर्सों की लापरवाही का मामला सामने आया. ड्यूटी कर रही नर्सों ने बीएचटी को खो दिया. फिर इंफारमेशन रजिस्टर को आलमारी में बंद कर घर चली गयी. मरीज के परिजन खून चढ़ाने के लिए साढ़े तीन घंटे तक दौड़ेते रहे. फिर अधीक्षक द्वारा कड़े तेवर अपनाये जाने के बाद मरीज को सोमवार की देर रात में खून चढ़ाया गया. इस मामले में अधीक्षक ने दोषी नर्सों का एक साल तक इंक्रीमेंट रोकने का निर्देश जारी कर दिया है. साहेबगंज जिले के जम्मा निवासी हरधन साह (55 वर्ष) को कूल्हा टूटने के बाद 29 मार्च को मायागंज हॉस्पिटल के इमरजेंसी में भरती कराया गया.
यहां से उसे हड्डी रोग विभाग में शिफ्ट कर दिया गया. तीन अप्रैल को उसकी हालत बिगड़ी तो हड्डी विभाग से उसे पुन: इमरजेंसी विभाग के सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया. यहां पर उसे खून चढ़ाये जाने की जरूरत चिकित्सकों ने कही. परिजनों ने तीन अप्रैल की शाम 6:45 बजे एक यूनिट खून का इंतजाम कर दिया और सर्जरी विभाग की नर्सों से खून चढ़ाने का आग्रह किया. खून नहीं चढ़ाया गया तो परिजनों ने इसकी शिकायत कंट्रोल रूम के मैनेजर मो इरफान से की. मो इरफान ने जब नर्सों से मरीज का बीएचटी मांगा तो नर्सों ने कहा कि बीएचटी नहीं मिल रहा है. इधर मरीज खून को रखने के लिए ब्लड बैंक गये तो यहां पर बताया गया कि चूंकि 45 मिनट से ज्यादा का वक्त हो गया है, इसलिए नियमत: यहां पर खून नहीं रखा जा सकेगा. फिर मैनेजर मो इरफान ने मरीज का खूून इमरजेंसी के लैब में रखे फ्रीजर में रखवाया और पूरी घटना अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल को दी. अधीक्षक ने मरीज के इंफारमेंशन रजिस्टर के आधार पर खून चढ़ाये जाने का निर्देश दिया. मैनेजर ने नर्सों से जब इंफारमेशन रजिस्टर मांगा तो ड्यूटीरत नर्सों ने बताया कि रजिस्टर मार्निंग शिफ्ट की नर्स आलमारी में बंद करके चली गयी है, अब मंगलवार की सुबह ही मिल सकेगा. अधीक्षक को जानकारी मिली तो उन्हाेंने इमरजेंसी के एसओडी को फटकारते हुए किसी भी सूरत में खून चढ़ाये जाने का निर्देश दिया. इसके बाद सोमवार की रात साढ़े दस बजे के बाद मरीज को खून चढ़ाया गया.
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