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शिकायत भरमार, फ्रेंचाइजी को फटकार

जनसुनवाई. आयोग ने कहा कंपनी की कार्यशैली बिल्कुल ठीक नहीं है, सुधार करें भागलपुर : बिजली दरों की सुनवाई में तीन सदस्यीय विद्युत विनियामक आयोग की टीम ने फ्रेंचाइजी कंपनी को जमकर फटकार लगायी है. बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संगठनों व आम नागरिकों से मिली शिकायत पर टीम ने फटकार लगाते हुए कहा है कि ऐसा […]

जनसुनवाई. आयोग ने कहा कंपनी की कार्यशैली बिल्कुल ठीक नहीं है, सुधार करें

भागलपुर : बिजली दरों की सुनवाई में तीन सदस्यीय विद्युत विनियामक आयोग की टीम ने फ्रेंचाइजी कंपनी को जमकर फटकार लगायी है. बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, संगठनों व आम नागरिकों से मिली शिकायत पर टीम ने फटकार लगाते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कंपनी की कार्यशैली बिल्कुल ठीक नहीं है. कंपनी को अपनी कार्यशैली सुधारनी चाहिए. विद्युत विनियामक आयोग की टीम में अध्यक्ष एसके नेगी, सदस्य राजीव अमित एवं आरके चौधरी शामिल थे.
प्रमंडलीय आयुक्त के सभागार में एसबीपीडीसीएल की ओर से वर्तमान साल के बिजली दर में बढ़ोतरी की मांग के प्रस्ताव, वित्तीय वर्ष 2016 के लिए वार्षिक कार्यकलापों की समीक्षा आदि संबंधी याचिका पर सोमवार को जन सुनवाई के लिए पहुंचे थे. जनसुनवाई के दौरान आम बिजली उपभोक्ताओं ने अपना पक्ष रखा है, जिसमें रतन संथालिया ने अपनी शिकायत में कहा कि खुद का ट्रांसफॉर्मर लगाने पर ढाई से तीन लाख रुपये खर्च आता है. फ्रेंचाइजी कंपनी सुपरविजन चार्ज के नाम पर खर्च का 15 प्रतिशत मांग करती है.
ट्रांसफॉर्मर खरीद कर लगाने से लेकर केबलिंग व कनेक्शन आदि का काम लोग खुद से कराते हैं. इसमें कंपनी की कोई भूमिका नहीं होती है. फिर सुपरविजन चार्ज लिया जाता है. उन्हें किस बात का सुपरविजन चार्ज दिया जाये. एक्ट में प्रावधान है, तो वह बतायें. नया ट्रांसफॉर्मर के लिए सिक्यूरिटी डिपोजिट (बिजली की न्यूनतम खपत पर दो माह के बिल का एडवांस ) देना होता है.
मगर, 600 किलोवाट लोड पर लगभग 17 लाख रुपये मांगा जा रहा है. आपत्ति जताने के बावजूद 11 लाख पांच हजार रुपये की मांग पर अड़ा है. इस वजह से कनेक्शन चालू नहीं हो सका है. इस पर आयोग ने फ्रेंचाइजी कंपनी से जवाब मांगा कि सिक्यूरिटी डिपोजिट किस हिसाब से लिया जाता है कि अापत्ति जताने पर यह कम हो जाता है. कंपनी की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे जीएम विनाेद असवाल से उन्हें संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. जीएम अपने जवाब में केवल मामले की जांच कर सुधार करने की बात कही. मौके पर एसबीपीडीसीएल की ओर से चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) नरेंद्र कुमार सिंह,
उपमहाप्रबंधक सह अधीक्षण अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह, सहायक अभियंता दीपक चौधरी, स्वर्णिम कुमार आदि मौजूद थे. आयोग के चेयरमैन श्री नेगी ने आम उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया है कि फ्रेंचाइजी कंपनी के बारे में उनसे जो शिकायत मिली है, उसको एसबीपीडीसीएल से करेगी ताकि इस पर वह संज्ञान ले.
फ्रेंचाइजी कंपनी के विजिलेंस नाम पर जतायी आपत्ति
जनसुनवाई के दौरान आम उपभोक्ताओं ने फ्रेंचाइजी कंपनी के विजिलेंस नाम पर आपत्ति जतायी. उपभोक्ताओं ने कहा कि कंपनी का काम बिजली खरीद कर बेचना है. विजिलेंस टीम बहाल की गयी है. विजिलेंस नाम रखना उनके अधिकार में नहीं है.

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