भागलपुर : टीबी का कहर रोके नहीं रुक रहा है. आंकड़े बताते हैं कि भागलपुर में हर साल ढाई से तीन हजार टीबी के मामले प्रकाश में आ रहे हैं.
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साल दर साल बढ़ रहे टीबी मरीज
भागलपुर : टीबी का कहर रोके नहीं रुक रहा है. आंकड़े बताते हैं कि भागलपुर में हर साल ढाई से तीन हजार टीबी के मामले प्रकाश में आ रहे हैं. आंकड़े बता रहे भागलपुर में टीबी के भयावहता की कहानी साल 2011 2012 2013 2014 2015 2016 स्पुटम जांच 18723 19829 18858 19506 18869 10372 […]
आंकड़े बता रहे भागलपुर में टीबी के भयावहता की कहानी
साल 2011 2012 2013 2014 2015 2016
स्पुटम जांच 18723 19829 18858 19506 18869 10372
पॉजिटिव केस 1609 1292 1255 1127 1143 1234
निगेटिव केस 1589 1550 1169 1458 1224 1115
टोटल इलाज 2950 2878 2672 2568 1949 2349
इसलिए नहीं रुक रहे टीबी के मामले
कुपोषण, गरीबी के कारण व अधिक घनी आबादी.
प्रदूषण, गंदगी के माहौल में लगातार रहने से.
सार्वजनिक स्थलों पर टीबी से संक्रमित व्यक्ति द्वारा मुंह पर बिना रूमाल लगाये खांसे जाने से नजदीकी व्यक्ति अथवा बच्चे को टीबी
टीबी के मरीज द्वारा बीच में इलाज छोड़ देने से उसको तो एमडीआर टीबी का होना.
टीबी के मरीज के संपर्क में रहने से.
एक्सरे देख कर टीबी का इलाज करना. एक्सरे के जरिये किया गया टीबी का इलाज 80 प्रतिशत गलत होता है.
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