नाथनगर : चंपानगर के उर्दू मध्य विद्यालय सरदारपुर में छात्रों को कई समस्याएं हैं. विद्यालय को अपनी भवन नहीं है. स्कूल चल रहा है मदरसे में. मात्र दो शिक्षक के भरोसे पढ़ते हैं उर्दू मध्य विद्यालय सरदारपुर में 447 बच्चे. ऑफिशियल एडमिशन लेने की अनुमति तो है पर शिक्षकों और क्लास रूम के कमी के कारण एडमिशन नहीं लिया जा रहा. एक ही हॉल रूम में 447 बच्चे 28 बेंच पर बैठने को मजबूर हैं. यहां आठवीं तक की पढ़ाई होती है. सहायक शिक्षिका फरहत जहां बताती है कि यहां पर विद्यालय कई वर्षों से चल रहा है. विद्यालय में सिर्फ दो ही शिक्षक हैं. हम लोगों को बीएलओ की ड्यूटी भी दी जाती है. विद्यालय को अपना भवन नहीं है. भवन निर्माण के लिए पैसे हैं पर विद्यालय की जमीन नहीं होने के कारण पैसे रखे हुए हैं.
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बच्चे 447, बैठने के लिए मात्र 28 बेंच
नाथनगर : चंपानगर के उर्दू मध्य विद्यालय सरदारपुर में छात्रों को कई समस्याएं हैं. विद्यालय को अपनी भवन नहीं है. स्कूल चल रहा है मदरसे में. मात्र दो शिक्षक के भरोसे पढ़ते हैं उर्दू मध्य विद्यालय सरदारपुर में 447 बच्चे. ऑफिशियल एडमिशन लेने की अनुमति तो है पर शिक्षकों और क्लास रूम के कमी के […]
ग्रामीण कहते हैं : मोहम्मद फिरोज, मोहम्मद पप्पू, मोहम्मद प्यारे, मोहम्मद अहमद, मोहम्मद अकबर बताते हैं कि हम लोगों ने कई बार अधिकारियों से बात की पर हम लोगों की बात पर संज्ञान नहीं लिया जाता है. यहां पर पढ़ाई सुन्य के बराबर होती है.एक ही क्लास रूम में आठवीं तक की पढ़ाई होती है. अब तो इस विद्यालय में नामांकन भी नहीं लिया जा रहा है. यहां पर शिक्षा की व्यवस्था बहुत जर्जर है.
डॉ अनवारुल हक ने बताया कि उर्दू मध्य विद्यालय सरदारपुर में हमेशा शिक्षकों की कमी रही है. विद्यालय को भवन और कई मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
मोहम्मद हाजी फखरुद्दीन ने कहा कि सरदारपुर स्कूल की हालत ठीक नहीं है. सामने रंगी कारखाना की बंजर जमीन है. अगर भवन बना दिया जाये और शिक्षक आ जायें तो क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा मिलेगी.
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