भागलपुर : भारत सरकार के संचार मंत्रालय ने देश के कई डाकघरों में सहायक केंद्रीय लोक सूचना पदाधिकारी नामित किया था. उद्देश्य था कि देश के नागरिकों को केंद्र सरकार के विभागों से सूचना मांगने में डाक खर्च व्यय न करना पड़े. दूसरा आशय यह था कि लोगों को इस दुविधा से भी मुक्ति मिल सके कि केंद्र सरकार के विभागों में कौन लोक सूचना पदाधिकारी हैं और किस पदाधिकारी के पास आवेदन करना है. इस सुविधा का लाभ डाकघरों में नहीं मिलने पर आरटीआइ कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह ने आरटीआइ से ही पूरी जानकारी खंगाल ली.
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आरटीआइ की सुविधा नहीं दी, तो आरटीआइ से ही खंगाली जानकारी
भागलपुर : भारत सरकार के संचार मंत्रालय ने देश के कई डाकघरों में सहायक केंद्रीय लोक सूचना पदाधिकारी नामित किया था. उद्देश्य था कि देश के नागरिकों को केंद्र सरकार के विभागों से सूचना मांगने में डाक खर्च व्यय न करना पड़े. दूसरा आशय यह था कि लोगों को इस दुविधा से भी मुक्ति मिल […]
यह दी गयी है
व्यवस्था: व्यवस्था यह दी गयी है कि आवेदक सूचना अधिकार आवेदन लेकर ऐसे नामित डाकघरों के सहायक केंद्रीय लोक सूचना पदाधिकारी के पास जायेंगे, आवेदन देंगे और उसकी पावती डाकघर से ही मिल जायेगी. डाक काे कोई खर्च नहीं देना होगा. ऐसे सहायक केंद्रीय लोक सूचना पदाधिकारी का यह दायित्व निर्धारित किया गया है कि उनके आवेदन को देख कर संबंधित केंद्र सरकार के विभाग को भेज देना है.
डिसप्ले बोर्ड नहीं लगने से नहीं हो रही जागरूकता : अधिकतर डाकघरों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे लोग यह जान सके कि बगैर डाक खर्च के केंद्र सरकार के किसी भी विभाग से सूचना मांगने का क्या तरीका है. आरटीआइ कार्यकर्ता श्री सिंह ने बताया कि वह आवेदन लेकर जब भी गये, तो उन्हें टालमटोल कर उनका आवेदन नहीं लिया गया.
बिहार के 84 डाकघरों में है व्यवस्था : श्री सिंह ने पोस्ट मास्टर जनरल (पटना सर्किल) से सूचना अधिकार के तहत एक सूचना की मांग दिनांक 20 फरवरी 2016 को की. इसमें बताया गया कि पटना सर्किल के 84 पोस्ट ऑफिसों सहायक केंद्रीय लोक सूचना पदाधिकारी नामित किये गये हैं. इसमें पोस्ट मास्टर भागलपुर हेड पोस्ट ऑफिस, सब पोस्ट मास्टर कहलगांव एसओ, सब पोस्ट मास्टर नवगछिया एमडीजी व पोस्टमास्टर बांका भी सहायक केंद्रीय लोक सूचना पदाधिकारी के रूप में नामित हैं.
45 आवेदन ही स्वीकार
मांगी गयी सूचना में बताया कि 84 केंद्रीय सहायक लोक सूचना पदाधिकारी ने मिल कर मात्र 45 आवेदन सूचना अधिकार आवेदकों से लेकर संबंधित विभागों को भेजा है. यह 45 आवेदन अक्तूबर 2015 से दिसंबर 2015 तक के हैं. श्री सिंह ने बताया कि नियमानुसार डाक विभाग इस व्यवस्था की जानकारी का डिसप्ले बोर्ड लगाया होता, तो अधिक लोग इसका लाभ ले पाते और उन्हें जहां-तहां दौड़ना नहीं पड़ता.उन्होंने बताया कि डाक निदेशालय से प्राप्त पत्रांक 101 दिनांक 3.1.2014 व दिनांक 16.1.2014 की छाया प्रति भी भेजी है.
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