टीएमबीयू के पूर्व प्रॉक्टर डॉ विलक्षण रविदास ने कहा कि जातिगत संकीर्णताओं से ऊपर उठकर ही दलितों का उत्थान हो सकता हैं. डॉ रविदास ने विवि के कुछ शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों का नाम लिए बगैर सेमिनार के उद्घाटन सत्र में उनके द्वारा दिये भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ दलित विरोधी लोगों को दलित शब्द से आपत्ति है. उन्होंने कहा की शीर्ष पर बैठे अधिकारियों की मनोवृत्ति आज भी नहीं बदली है.
Advertisement
दलितों के प्रति सोच बदलने की जरूरत
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विवि के बहुद्देशीय प्रशाल में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुक्रवार को संपन्न हो गयी. इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने कहा कि सामाजिक स्तर पर दलितों के प्रति सोच बदलने की आवश्यकता है. शिक्षा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार से ही समाज समृद्धि होगा. राजनीतिक […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विवि के बहुद्देशीय प्रशाल में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुक्रवार को संपन्न हो गयी. इस मौके पर विवि के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने कहा कि सामाजिक स्तर पर दलितों के प्रति सोच बदलने की आवश्यकता है. शिक्षा का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार से ही समाज समृद्धि होगा. राजनीतिक आजादी के साथ-साथ आर्थिक आजादी मिलने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि मीडिया, समाज व नेताओं के आपसी तालमेल से ही दलित समाज का उत्थान संभव है.
टीएमबीयू के पूर्व प्रॉक्टर डॉ विलक्षण रविदास ने कहा कि जातिगत संकीर्णताओं से ऊपर उठकर ही दलितों का उत्थान हो सकता हैं. डॉ रविदास ने विवि के कुछ शीर्ष पदों पर बैठे अधिकारियों का नाम लिए बगैर सेमिनार के उद्घाटन सत्र में उनके द्वारा दिये भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ दलित विरोधी लोगों को दलित शब्द से आपत्ति है. उन्होंने कहा की शीर्ष पर बैठे अधिकारियों की मनोवृत्ति आज भी नहीं बदली है.
डॉ जनार्दन झा ने कहा कि दलित शब्द को कब तक ढोते रहेंगे. दलित भी एक इनसान हैं. आर्थिक विषमता से ही समाज में बदलाव आयेंगे. प्रो आरडी शर्मा ने कहा कि भारत में दो लड़ाई हुई. आजादी की लड़ाई में सत्य, अहिंसा, प्यार व देश प्रेम, उमंग व जोश से लोगों ने देश को आजाद करा दिया. लेकिन आज आर्थिक आजादी के लिए लड़ाई जारी है. गांधी जी ने सामाजिक स्तर पर जमीन तैयार की थी. लेकिन आज भ्रष्टाचार का बोलबाला है. विधायक बंटी सिंह ने कहा कि सामाजिक सबलता और समानता लाकर ही दलितों का उत्थान संभव है. उन्होंने कहा कि जाति प्रथा को समाप्त करने के लिए अंतरजातीय आदर्श विवाह को बढ़ावा देना होगा. कार्यक्रम को डॉ नागेश्वर शर्मा, प्रो परमानंद शर्मा, प्रो मनिंदर सिंह आदि ने भी संबोधित किया. आगत अतिथियों का स्वागत आयोजन संयोजक प्रो उग्रमोहन झा ने व धन्यवाद ज्ञापन डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा ने किया.
इससे पहले सत्र में कार्यक्रम का विषय बिहार में दलितों के उत्थान में मीडिया की भूमिका संभावनाएं व चुनौतियां पर बहस की गयी. इस दौरान शोध छात्राओं द्वारा 13 शोध आलेख पढ़े गये. डॉ रंजन कुमार सिन्हा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इस अवसर पर डॉ दीपक कुमार दिनकर, विवि के अधिकारी, विभिन्न कॉलेजों के शिक्षक व टीएनबी कॉलेज के एनएसएस के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement