भागलपुर: हजरत गौसे -ए-आजम पैदाइशी वली थे. उन्होंने अपनी जिंदगी का शुरुआती हिस्सा इल्म-दीन के हासिल करने और उसमें कमाल पैदा करने में गुजारा. जो लोग सीधे रास्ते से भटक गये थे. उनको सीधे रास्ते पर लाने के लिए मुकम्मल कोशिश की. अपने तकरीर व संदेश के माध्यम से लोगों को सच्चई, अमन व शांति और भाईचारा का संदेश दिया. उक्त बातें मदरसा शहबाजिया के हेड शिक्षक मौलाना फारूक आलम अशरफी ने कही.
गुरुवार को इशा की नमाज के बाद अली नगर में नौजवान कमेटी की ओर से जश्न -ए- गौसे आजम कांफ्रेंस आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में मौलाना फारूक ने कहा कि आज समाज में तरह- तरह की बुराइयां व्याप्त हैं. इन बुराइयों को रोकने के लिए नौजवान को आगे आना होगा.
इसलाम के बताये नियम कानून पर अमल करते हुए समाज के माहौल को बदलना होगा, क्योंकि दुनिया में इनकलाब नौजवानों के माध्यम से आता रहा है. कार्यक्रम को मौलाना नसीम, कारी अबुल कलाम, मो सलीम आदि ने भी संबोधित किया. इस मौके पर मो मोअज्जम अली, मोद्सीर अली, गुलाम शहबाज, मो शाबीर, मो वली हसन आदि उपस्थित थे.