भागलपुर: जिले में मिरगी (टय़ूबरेस स्क्लेरोसिस) से पीड़ित एक अद्भुत मरीज मिला है. उसे इलाज के लिए जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में दाखिल कराया गया. अस्पताल में शिशु विभागाध्यक्ष डॉ (प्रो) आरके सिन्हा ने इलाज के दौरान बीमारी का पता लगने पर इसको लेकर सेमिनार का आयोजन किया. सेमिनार में इस बीमारी को लेकर विभिन्न चिकित्सक छात्रों ने अपना व्याख्यान दिया.
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ सिन्हा ने बताया कि सुलतानगंज के कासिमपुर गांव निवासी नौ वर्षीय वलीउर रहमान को दो महीने की उम्र से ही चमकी (कनवल्सन, मिरगी) हो रही थी और लगातार इलाज के बावजूद उसे इससे निजात नहीं मिल रही थी. उन्होंने बताया कि उसे बिना पहचान किये हुए ही मिरगी की दवा नौ साल से दी जा रही थी. बच्चे के चेहरे पर छोटे-छोटे फफूंदी जैसे दाने एवं चरक के दाग थे. उन्होंने बच्चे के माथे का सिटी स्कैन करवाया और मिरगी के कारण का पता लगाया.
उन्होंने बताया कि यह एक अनुवांशिक बीमारी है और यह पांच-छह हजार में से किसी एक में पायी जाती है. सेमिनार में स्नातकोत्तर छात्र डॉ अमित कुमार ने अपना व्याख्यान दिया. इस सेमिनार में विभाग के डॉ सुशील भूषण, डॉ केके सिन्हा, डॉ खलील अहमद, डॉ रिजवान, डॉ राकेश, डॉ राजीव, डॉ गौतम, डॉ रमण किशोर, डॉ अंकिता के अलावा विभिन्न छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.