भागलपुर: मो रूस्तम उर्फ मीनू मियां के नालसीवाद संख्या 24/2012 में प्रथम सत्र न्यायाधीश ने संज्ञान लेते हुए कोतवाली थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर कुमोद कुमार, तत्कालीन तातारपुर थानाध्यक्ष संजय विश्वास व आदमपुर थाना के तत्कालीन अध्यक्ष संतोष कुमार व मिस्टर मियां पर गैर जमानतीय वारंट जारी किया है. मो रूस्तम ने उक्त लोगों पर मारपीट व झूठे केस में फंसाने का आरोप लगा सीजीएम कोर्ट में नालसीवाद दायर किया था.
आवेदन में मीनू मियां ने कहा था कि उक्त लोगों ने विश्वनाथ हत्या प्रकरण में 164 के तहत गलत बयान देने के लिए पिटाई की और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. बयान नहीं देने पर झूठे केस में फंसा कर जेल भेज दिया. मीनू मियां के वकील राजीव कुमार ईश्वर ने बताया कि फल व्यवसायी विश्वनाथ गुप्ता हत्याकांड मामले में एक साजिश के तहत मीनू मियां को फंसा गया है.
पुलिस द्वारा मीनू मियां पर लगाये गये सभी आरोप को कोर्ट ने पहले ही गलत करार दिया था. इसके बाद मीनू मियां को जमानत मिल गयी थी. इस बाबत इंस्पेक्टर कुमोद कुमार, थानाध्यक्ष संजय विश्वास व संतोष कुमार ने मीनू मियां पर क्रिमिनल रिविजन नंबर 76/2013 के तहत जिला सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में मामला दर्ज कराया था. इसमें सात फरवरी 2014 को प्रथम सत्र न्यायाधीश ने संज्ञान लेते सारे सबूत को गलत पाया और 14 फरवरी को उक्त लोगों के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी किया है.
मीनू मियां ने बताया कि वह जमीन खरीद-फरोख्त का काम करता था. इंस्पेक्टर कुमोद कुमार किसी बहाने से कोतवाली थाना में बुलाया. जमीन के कारोबार में अधिक कमाई करने की एवज में पैसे देने की मांग करने लगा. इसका विरोध किया, तो इंस्पेक्टर ने विश्वनाथ गुप्ता हत्या प्रकरण में झूठा केस बना जेल भेज दिया. गलत बयान देने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.