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बार-बार रुके पेशाब, तो चेत जायें

वर्कशॉप. जेएलएनएमसीएच के आॅडिटोरियम में आयोजित सीएमइ भागलपुर : टाटा मेन हॉस्पिटल जमशेदपुर व यूसीकॉन इस्ट जोन के सचिव डॉ हर्षप्रीत सिंह ने कहा कि 50 वर्ष पार कर चुके पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना एक आम समस्या है, जिसके कारण बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है और कई बार तो पेशाब रुक जाने की […]

वर्कशॉप. जेएलएनएमसीएच के आॅडिटोरियम में आयोजित सीएमइ

भागलपुर : टाटा मेन हॉस्पिटल जमशेदपुर व यूसीकॉन इस्ट जोन के सचिव डॉ हर्षप्रीत सिंह ने कहा कि 50 वर्ष पार कर चुके पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना एक आम समस्या है, जिसके कारण बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है और कई बार तो पेशाब रुक जाने की तकलीफ देह परिस्थिति से भी मरीज को गुजरना पड़ता है. 50 वर्ष पार करने के बाद अगर पेशाब करने में किसी तरह की तकलीफ हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए. इसे नजरअंदाज न करें. आपकी थोड़ी सी लापरवाही आपको बड़ा दर्द दे सकती है.
डॉ सिंह जेएलएनएमसीएच के आडिटोरियम में आयोजित करेंट मैनेजमेंट ऑफ बीपीएच विषयक सीएमइ को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि प्रोस्टेट असल में मेल रिप्राडक्टिव ग्लैंड है, जिसका मुख्य काम शुक्राणु वहन करना है. 50 वर्ष पार करने के बाद इसके कार्य करने की गति धीमी होने लगती है, जिससे यह ग्रंथि बढ़ने लगती है. प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्र थैली के ऊपर रहती है. फलस्वरूप इसका आकार बढ़ने से मूत्र नली व मूत्र थैली पर दबाव बढ़ने से पेशाब संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, जिसे बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (बीपीएच) कहते हैं.

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