भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में अगर आपने दो साल पहले कोई परीक्षा दी है, तो जरूरी नहीं कि उससे जुड़ी उत्तरपुस्तिकाएं स्ट्रांग रूम में उपलब्ध हो. स्ट्रांग रूम से उत्तरपुस्तिकाएं गायब हो रही हैं.
यही नहीं जिन छात्रों को वर्ष 2011 में हुई परीक्षा में उपस्थित होने के बाद भी अनुपस्थित बता कर प्रोमोट कर दिया गया है, उन्हें रिजल्ट मिलना इस कारण भी मुश्किल हो जायेगा कि उत्तरपुस्तिकाएं नहीं मिल रही हैं. विश्वविद्यालय के पदाधिकारी इस बारे में नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर उत्तरपुस्तिकाएं गायब होकर कहां चली गयी.
केस स्टडी
विश्वविद्यालय के स्टेटिस्टिक्स व कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग के छात्र राजीव कुमार ने सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा वर्ष 2011 में दी थी. वर्ष 2012 में रिजल्ट प्रकाशित हुआ, तो उन्हें यह कहते हुए प्रोमोट कर दिया गया कि वह पेपर 204 की परीक्षा में उपस्थित ही नहीं हुए थे.
छात्र पदाधिकारियों के पास गिड़गिड़ाता रहा, पर किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी. फिर वह परीक्षा में खुद की उपस्थिति के साक्ष्य के लिए बीएन कॉलेज के केंद्राधीक्षक से परीक्षार्थियों की उपस्थिति पंजी की सत्यापित प्रति लेकर विश्वविद्यालय पहुंचा. विश्वविद्यालय में उनका आवेदन एक टेबुल से दूसरे टेबुल और दूसरे से तीसरे टेबुल पर चक्कर काटता रहा. उनके आवेदन पर विश्वविद्यालय के एक कर्मी ने परीक्षा नियंत्रक को यह लिख कर दिया है कि फ्लैप कई बार खोजने के बाद भी नहीं मिला. छात्र का क्रमांक 101330 व पंजीयन संख्या 4192/10 है. यह स्थिति केवल राजीव के साथ नहीं है. ऐसे मामले को लेकर कई छात्र हर दिन विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहा है, पर उनकी सुननेवाला कोई नहीं है. यह मामला पूर्व कुलपति डॉ केएन दुबे के कार्यकाल का है.