भागलपुर : स्वतंत्रता आंदोलन में भागलपुर ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था. उस दौरान वर्ष 1929 में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल भागलपुर आये थे. दरअसल महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा कर दी थी. उसकी तैयारी को लेकर मुंगेर में बिहार प्रांतीय सम्मेलन का 28वां सम्मेलन 9.12.1929 को आयोजित हुआ था.
इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए सरदार पटेल यहां आये थे.एसएम कॉलेज के इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रमन सिन्हा की पुस्तक भागलपुर : अतीत एवं वर्तमान में सरदार पटेल के भागलपुर आगमन पर जिक्र किया गया है. सरदार पटेल छात्रों के आमंत्रण पर भागलपुर आये थे. भागलपुर कॉलेज में उन्होंने किसानों के प्रति छात्रों के कर्तव्य विषय पर संबोधित किया था. पटेल ने छात्रों से कहा था कि मैं चाहता हूं कि आप अन्य देशों के हिंसा का इतिहास पढ़ें और उससे हासिल परिणामों का आकलन करें.
मैं चाहता हूं कि आप इस पर सोचें कि हमने अपने देश में जहां तक संभव था, हिंसा की नीति पर चल कर क्या खोया है और कितना कम हासिल किया है. अहिंसा कायरों की विभूति नहीं, वीर जनों की विशेषता है…ज्ञात हो कि वल्लभ भाई झावेरी भाई पटेल (सरदार पटेल का मूल नाम) का जन्म 31 अक्तूबर 1875 को हुआ था. 15 दिसंबर 1950 को वे पंचतत्व में विलीन हो गये.