कहलगांव : प्रखंड की मथुरापुर पंचायत की बड़ी आबादी पानी के लिए तरस रही है. पंचायत में लगे सौ में से 50 चापाकल खराब हैं. पंचायत के कई गांवों में लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. भूमिगत जलस्तर में लगातार आ रही गिरावट के कारण भी यह स्थिति उत्पन्न हुई है. पंचायत के […]
कहलगांव : प्रखंड की मथुरापुर पंचायत की बड़ी आबादी पानी के लिए तरस रही है. पंचायत में लगे सौ में से 50 चापाकल खराब हैं. पंचायत के कई गांवों में लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. भूमिगत जलस्तर में लगातार आ रही गिरावट के कारण भी यह स्थिति उत्पन्न हुई है. पंचायत के संथाली टोला के गुड्डू सोरेन, नारायण तांती,पक्कू टूड्डू, बबुनी हेंब्रम आदि कहते हैं कोय नय सुनै छय. पिये रो पानी दूर से लाय ल पड़य छय. जानकारी के अनुसार संथाली टोला में पांच,
उवि मथुरापुर में एक, सिंचाई कॉलोनी में दो, कारीकादो मदरसा में एक, टिकलुगंज में एक सहित अन्य गांवों लगभग 50 चापाकल महीनों से खराब हैं. इन गांवों के लोगों को दूसरी जगह से पेयजल लाना पड़ता है.
पंचायत के मुखिया जयनाथ महतो ने बताया कि चापाकलों की मरम्मत के लिए पीएचइडी के अधिकारी से दर्जनों बार आग्रह कर चुका हूं. अब तो विभाग के अधिकारी फोन भी नहीं उठाते हैं. पंचायत के जेइ कहते हैं प्राइवेट मिस्त्री को काम के एवज में समय पर भुगतान नहीं किया जाता है. इसलिए वे काम करना नहीं चाहते.
कहते हैं पीएचइडी के अधिकारी
पीएचइडी के सहायक अभियंता डीके चौधरी ने बताया कि मथुरापुर पंचायत में बड़ी संख्या में चापाकल खराब होने की जानकारी मिली है. छठ के बाद उखाड़-गाड़ व मरम्मत का काम कराया जायेगा. जरूरत पड़ी तो आवंटन मिलने पर नये चापाकल भी लगाये जायेंगे.