भागलपुर: 46 लाख के सोना लूट कांड की जांच कर रही स्टेट क्राइम ब्रांच की टीम को कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं. टीम ने जिला पुलिस को सुझाव दिया है कि अगर इन सुरागों की बारिकी से जांच हो तो कांड का उद्भेदन हो सकता है.
क्राइम ब्रांच की जांच में यह पता चला है कि लूट के बाद नाथनगर थाना क्षेत्र के नसरतखानी मुहल्ला में अपराधियों के बीच सोने का बंटवारा हुआ था. घटना में शामिल अपराधी पंकज यादव की पत्नी ज्योति देवी ने लूट का सोना बेच कर महाजनों का एक लाख 65 हजार का कर्ज चुकता किया है.
ज्योति देवी ने कजर्दार विरो यादव (पिता देवेंद्र प्रसाद यादव) की पत्नी को 40 हजार, विलास यादव (पिता स्व बोंगी यादव) की पत्नी को 40 हजार, कोका यादव (पिता ऐशो यादव) की पोतहू को 35 हजार का कर्ज चुकाया. यही नहीं, करेला गांव की महिला कमेटी जिसे विलास यादव और महेंद्र यादव की पत्नी संचालित करती है को 50 हजार रुपये का कर्ज चुकाया गया. जबकि पंकज यादव के पास एक कमरे के मकान के अलावा कुछ नहीं है. ऐसे में इतने पैसे का भुगतान जिससे कर्ज की राशि चुकायी गयी, वह पंकज की पत्नी के पास कहां से आयी? टीम को जांच में पता चला कि लूट के बाद बांका जिले के अमरपुर बाजार में सारा सोना गलाया गया है.
कांड में शामिल अपराधी अरुण कुमार यादव (गिरफ्तार) के भाई अशोक यादव की नूरपुर में शराब की दुकान है. सोना लूट के बाद अशोक ने भारी रकम ब्याज पर लगायी है. कांड के फरार आरोपित विजय पासवान और अरुण कुमार साह के घर की तलाशी व गिरफ्तारी से कई और जानकारी मिल सकती है. टीम का दावा है कि उक्त अपराधियों के पास अभी भी लूट का सोना है.
आइजी की तल्ख टिप्पणी के बाद भी पुलिस गंभीर नहीं
कांड के उद्भेदन की दिशा में जोनल आइजी जितेंद्र कुमार ने एसएसपी को कई निर्देश दिये हैं. लेकिन अब तक उन आदेशों का पालन नहीं किया गया. आइजी ने कहा है कि क्राइम ब्रांच टीम द्वारा कांड की जांच में जिन-जिन तथ्यों का खुलासा हुआ है, उसका सत्यापन करें और लूटे हुए सोने की बरामदगी की दिशा में कार्रवाई करें. आइजी ने एसएसपी को निर्देश दिया था कि स्वयं इस कांड का सुपरविजन कर रिपोर्ट दें. लेकिन अब तक एसएसपी ने सुपरविजन नहीं दिया है. इस पर आइजी ने कहा है कि इतने गंभीर कांड के प्रति एसएसपी उदासीन हैं.