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दीपावली पर सोना सिक्का नहीं, बिक रहा गोल्ड बांड

दो नवंबर तक आवेदन लिया जायेगा और 17 नवंबर को जारी किये जायेंगे बांड गोल्ड बांड की कीमत 2957 रुपये प्रति ग्राम है भागलपुर : दीवाली पर डाक घर में सोना का सिक्का नहीं, बल्कि गोल्ड बांड बिकेगा. प्रधान डाक घर में गोल्ड बांड की बिक्री शुरू भी कर दी है. तीसरे चक्र में 24 […]

दो नवंबर तक आवेदन लिया जायेगा और 17 नवंबर को जारी किये जायेंगे बांड

गोल्ड बांड की कीमत 2957 रुपये प्रति ग्राम है
भागलपुर : दीवाली पर डाक घर में सोना का सिक्का नहीं, बल्कि गोल्ड बांड बिकेगा. प्रधान डाक घर में गोल्ड बांड की बिक्री शुरू भी कर दी है. तीसरे चक्र में 24 अक्तूबर से दो नवंबर तक आवेदन किया जा सकेगा और 17 नवंबर को बांड जारी किया जायेगा. डाक अधिकारी के मुताबिक दिवाली पर लोगों के सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं में निवेश करने के मद्देनजर सरकार स्वर्ण बांड योजना में निवेश का तीसरा चक्र 24 अक्तूबर से शुरू की है. इसकी कीमत 2957 रुपये प्रति ग्राम है.
गोल्ड बांड स्कीम से जुड़ी खास बातें
गोल्ड बांड डीमैट और पेपर फॉर्मेट, दोनों में उपलब्ध होते हैं.
बांड में न्यूनतम निवेश दो ग्राम से किया जाता है.
अवधि न्यूनतम आठ वर्षों की होती है, लेकिन इसी के साथ पांचवें, छठे और सातवें वर्षों का भी विकल्प दिया गया है.
निवेशित पूंजी और प्राप्त ब्याज, दोनों पर गारंटी दी जाती है.
बांड्स को एक्सचेंजों में ट्रेड किया जा सकता है ताकि निवेशक समय से पहले अगर चाहें तो भूना सकते हैं.
यह होगा फायदा
वर्तमान समय में निवेश के लिए लोग सोने के सिक्के की खरीदारी करते हैं, जिसके चोरी होने की संभावना होती है. साथ ही उसकी गुणवत्ता को लेकर भी संशय बना रहता है. गोल्ड बांड में ग्राहकों को न तो चोरी का डर है ओर न ही गुणवत्ता को लेकर कोई संशय.
गोल्ड बांड की बिक्री शुरू कर दी गयी है. तीसरे चक्र में 24 अक्तूबर से दो नवंबर तक आवेदन किया लिया जायेगा और 17 नवंबर को बांड जारी किये जायेंगे. इसकी कीमत 2957 रुपये प्रति ग्राम है.
एसकेपी सिन्हा, पोस्टमास्टर, प्रधान डाकघर
सावधान! बाजार में 10 रुपये के नकली सिक्के
परेशानी बाजार में सिक्का बंद होने की फैली अफवाह, दुकानदार व ग्राहकों में सिक्के के लेनदेन को लेकर हो रही तीखी बहस
देश भर में असली व नकली 10 रुपये के सिक्के के चलन पर जारी बहस के बीच सिल्क सिटी भागलपुर में भी नकली सिक्के बाजार में चलने की बात सामने आयी है. ज्यादातर लोगों को असली-नकली सिक्के में फर्क के बारे में ज्यादा पता नहीं है, ऐसे में वह इन सिक्कों को बिना परखे ले रहे हैं. सूचना के मुताबिक यह नकली सिक्के चाय-पान की गुमटियों व परचून की दुकानों पर खपाये जा रहे हैं.
हाल ही में खबर आयी थी कि दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बवाना इलाके में नकली सिक्के ढालने की फैक्टरी पकड़ी थी. फैक्टरी से 600 किलो 10 रुपये के नकली सिक्के जब्त किये गये थे, लेकिन इसके पहले ही इस फैक्टरी से तैयार कई टन नकली सिक्के पूरे देश भर के बाजारों में भेजे जा चुके हैं और धड़ल्ले से चलाये जा रहे हैं. जानकारों का कहना है कि नकली सिक्के को बनाने में दो से तीन रुपये की लागत आती है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक निर्मित असली सिक्के करीब नौ रुपये की लागत से तैयार होते हैं. सिक्का पुराना होने के साथ इसकी मूल कीमत बढ़ती जाती है.
नकली के फेर में असली सिक्के लेने से कर रहे इनकार : बाजार में 10 रुपये का सिक्का बंद होने की अफवाह फैल गयी है. दुकानदारों और ग्राहकों के बीच सिक्के के लेनदेन को लेकर तीखी बहस हो रही है, जबकि हकीकत में 10 का सिक्का बंद नहीं हुआ है. नकली के फेर में असली सिक्का लेने से इनकार किया जा रहा है. बैंक अधिकारी बताते हैं कि बाजार में 10 रुपये के कुछ सिक्के नकली आये हैं, लेने से इंकार किया होगा, लेकिन असली और नकली सिक्कों की पहचान भी बहुत आसान है. कई दुकानदार 10 रुपये का सिक्का नहीं ले रहे हैं, जो दुकानदार 10 रुपये का सिक्के ले रहे हैं उनसे वापस ग्राहक नहीं ले रहा है. ऐसे में 10 रुपये के सिक्कों का ढेर लग गया है.
10 रुपये के सिक्के बंद नहीं हुए हैं और न ही इसको लेकर कोई नोटिफिकेशन आया है. बाजार में सिक्के चल रहे हैं. ग्राहक अफवाह पर न जाये. असली-नकली का फर्क समझ कर इसे स्वीकार करें.
विनय कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, स्टेट बैंक आॅफ इंडिया, भागलपुर
10 रुपये के नकली सिक्के बाजार में आने की शिकायत लगातार आ रही है. लोगों को सुझाव दिया गया है कि वह सिक्कों की जांच के बाद ही उसे लें. फर्जी सिक्के पाये जाने पर पुलिस में इसकी एफआइआर दर्ज करायें.
अल्पना कीलावाला, प्रधान जनसंपर्क अधिकारी, भारतीय रिजर्व बैंक
जानें, असली और नकली का फर्क
असली
इन सिक्कों का चेहरा तीन हिस्सों में बंटा है जिसमें ऊपर, नीचे दो लाइनों के जरिये इन्हें बांटा गया है.
सिक्के की बीच के हिस्से में अशोक चक्र बना है और नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया है.
सिक्के के ऊपरी हिस्से पर हिंदी में भारत और अंगरेजी में इंडिया लिखा है.
सिक्के के तीसरे हिस्से यानी दूसरी लाइन के नीचे उस सिक्के को जारी करने का साल अंकों में लिखा है.
सिक्के को पलटने पर देखें कि सबसे ऊपर जो निशान बने हैं वह वृद्धि और संबंधों को दिखाते हैं.
बीच के हिस्से में 10 का अंक अंतरराष्ट्रीय अंकों में लिखा होता है और सबसे नीचे के भाग में पहले हिंदी में रुपये और अंगरेजी में रुपीज लिखा है.
10 के सिक्के की धातु का कंपोजीशन : रिंग मेटल-एल्यूमीनियम और ब्रोंज : कॉपर -92 प्रतिशत, एल्यूमीनियम छह प्रतिशत, निकिल दो प्रतिशत.
सेंटर पीस मेटल: कॉपर और निकिल : कॉपर 75 फीसदी, निकिल 25 फीसदी.
रुपये का निशान आने के बाद नये सिक्कों की पहचान
साल 2010 में रुपये का निशान " जारी हुआ, इसके बाद 10 रुपये के बदले हुए सिक्कों के लिए आरबीआइ ने एक और नोटिफिकेशन जारी किया. इसमें साफतौर पर बताया गया है कि सिक्के के मुखभाग पर अशोक स्तंभ का चिह्न बना होगा और इसमें सत्यमेव जयते इबारत लिखी होगी. सिक्के के बायीं तरफ हिंदी में भारत शब्द लिखा होगा
और दायीं ओर अंगरेजी में इंडिया लिखा होगा. वहीं इस सिक्के के निचलेे हिस्से में अंतरराष्ट्रीय अंकों में उस सिक्के के छापने का साल अंकित होगा. सिक्के को पलट कर इसका उल्टा भाग देखें तो ऊपरी तरफ बाहर की ओर निकलते हुए निशान वृद्धि और संबद्धता दिखाते हैं जिनकी संख्या 10 है. इसके बाद बीच में रुपये का प्रतीक चिह्न जो 2010 से अस्तित्व में आया, बना होगा.

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