भागलपुर : महंगाई ने आम लोगों का चैन छीन लिया है. एक समय था जब चना-चबेना गरीबों का खाना होता था. लेकिन यह चना अब अरहर से भी महंगा हो गया. चना के रेट ने महंगाई के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं. खुदरा में 140 रुपये प्रति किलो तक चना दाल बिक रहा है.
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चना दाल में लगी आग, अरहर से भी महंगा
भागलपुर : महंगाई ने आम लोगों का चैन छीन लिया है. एक समय था जब चना-चबेना गरीबों का खाना होता था. लेकिन यह चना अब अरहर से भी महंगा हो गया. चना के रेट ने महंगाई के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं. खुदरा में 140 रुपये प्रति किलो तक चना दाल बिक रहा है. महंगे […]
महंगे हो गये सत्तू, लिट्टी व अन्य पकवान : चना के भाव बढ़ने के साथ ही सत्तू 150-160 रुपये किलो तक बिकने लगे हैं, जो पांच माह पहले तक 80-90 रुपये किलो तक बिक रहे थे. चना के सत्तू के दाम बढ़ने से लिट्टी के दाम बढ़ा दिये गये हैं या लिट्टी में चना के सत्तू कम नजर आने लगे हैं. वहीं बेसन 150 रुपये किलो तक पहुंच गया है.
ऐसे बढ़े-घटे दाल के भाव : एक माह पहले थोक में चना 90 रुपये किलो था, जो बढ़ कर 120, चना दाल 110 से 126 रु प्रति किलो हो गया. अरहर एक माह पहले 125-130 रु प्रति किलो था, जो 105-110 पर रु प्रति किलो पर आ गया. मूंग दाल 80 से 70-66 रुपये किलो, मसूर दाल 75 से 65 हो गया. वही अरहर दाल चार माह पहले 140 से 150 रुपये किलो तक बिक रहे थे. मूंग दाल 100 से 105 रुपये किलो थे.
एक माह में गिर सकते हैं भाव
दाल कारोबारी पीयूष कुमार ने बताया कि अॉस्ट्रेलिया से चना की खेप आनी थी, जो नहीं आ पायी. देश में बारिश के कारण बहुत कम चना की उपज हुई. मौसम खराब होने के कारण ऑस्ट्रेलिया से भी माल नहीं आ पा रहा है. दीपावली के बाद चना के भाव में गिरावट आने की संभावना है. आॅस्ट्रेलिया से चना आते ही 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक चना हो सकता है. अगली फसल अच्छी होने की संभावना है. जनवरी में महाराष्ट्र के अकोला से चना एवं मध्यप्रदेश का फरवरी-मार्च तक चना आ जायेगा. इसके बाद चना की कमी नहीं होगी.
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