भागलपुर : बिहार में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी तांत्रिक सुबोध झा ने टीएनबी कॉलेज कैंपस स्थित आवास में पत्नी व दो बेटियों को जिंदा जला दिया. इस दिल दहला देनेवाली घटना को उसने बुधवार की देर रात अंजाम दिया: कर्मचारी ने घर में बाहर से ताला बंद कर दिया था. घर में आग लगाकर सुबोध वहां से निकल गया. दमकल के पहुंचने से पहले ही कमरे के सभी सामान के साथ तीनों पूरी तरह से जल चुकी थीं.
तांत्रिक की पत्नी रूपा देवी, उसकी बेटियां 12 वर्षीय रजनी और 10 वर्षीय दिव्यानी की मौत कमरे के अंदर ही हो गयी. तांत्रिक सुबोध पर संदेह जाहिर करते हुए पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है.
अपने ही बुने जाल में फंसे तांत्रिक सुबोध झा
सुबोध पर संदेह के कई कारण हैं. पत्नी और बेटियों को घर के अंदर जलता देख सुबोध ने उसे बचाने की कोशिश नहीं की. उसने झूठ पर झूठ कहा. उसने कहा कि पत्नी के कहने पर ही मेला देखने घर से बाहर निकला था. उसने कहा कि रात लगभग डेढ़ बजे जब वह वापस घर लौटा तो देखा कि घर के अंदर से धुआं निकल रहा था.ऐसा देख वह टीएनबी कॉलेज के प्रिंसिपल के पास चला गया. प्रिंसिपल ने अपने गार्ड अरुण मंडल को सुबोध के साथ भेजा. अरुण का कहना है कि जब वह सुबोध के आवास के पास पहुंचा तो उसने देखा कि घर के अंदर आग लगी हुई है और बाहर नया ताला लगा हुआ था. अरुण ने ताला और दरवाजा तोड़ने की कोशिश की तो सुबोध ने उसे रोक दिया और कहा कि पुलिस को आ जाने दो. ऐसे में सवाल उठता है कि पत्नी और बेटियों को जलता देख सुबोध ने दरवाजा तोड़ने से गार्ड को क्यों मना किया. दरवाजा तोड़ दिया जाता तो उन तीनों को बचाया जा सकता था.