लगान रसीद में गड़बड़ी का मामला
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रिकार्ड बदल बने विवि के 60 बीघा जमीन के मालिक विवि जमीन की
लगान रसीद में गड़बड़ी का मामला रसीद के गलत काटने पर सीओ ने की जांच जमाबंदी में जबरन नाम बदलने व कर्मी की लापरवाही उजागर भागलपुर : तिलकामांझी विश्वविद्यालय की करोड़ों की बेशकीमती जमीन के अंचल रिकार्ड में छेड़छाड़ करने की रिपोर्ट ने प्रशासन के होश उड़ा दिये हैं. नाथनगर के अंचलाधिकारी सुशील कुमार की […]
रसीद के गलत काटने पर सीओ ने की जांच
जमाबंदी में जबरन नाम बदलने व कर्मी की लापरवाही उजागर
भागलपुर : तिलकामांझी विश्वविद्यालय की करोड़ों की बेशकीमती जमीन के अंचल रिकार्ड में छेड़छाड़ करने की रिपोर्ट ने प्रशासन के होश उड़ा दिये हैं. नाथनगर के अंचलाधिकारी सुशील कुमार की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विवि की जमीन जमाबंदी के कुल 20 पेज के दस्तावेज में तीन पेज में नाम बदला है. अब तक करीब 20 बीघा जमीन की चर्चा से काफी अधिक जमीन की जमाबंदी बदलने का मामला है. नाम के बदलने से एक झटके में करीब 60 बीघा जमीन के मालिक विवि के
बजाय कोई
एक झटके में…
और हो गये. जमाबंदी के संबंधित पेज में ऊपर ‘वास्ते विवि’ और नीचे लगान रसीद वाले मालिक का नाम है. जमाबंदी में नाम बदलने के कारण के कॉलम में कोई उल्लेख नहीं है. सीआे की रिपोर्ट से यह साबित होता है कि अंचल के जमीन मामले की गोपनीय रजिस्टर तक में बगैर कोई कागजी आवेदन के नाम बदल दिया गया.
यह अनोखा कारनामा आरोपित अंचल कर्मचारी लखन लाल की मिलीभगत से हो गया. ज्ञात हो कि 27 सितंबर से लगातार प्रभात खबर टीएमबीयू की 22 बीघा जमीन की भू माफियाओं द्वारा हड़पने की तैयारी पर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर रहा है. इस पर जब नाथनगर अंचल पदाधिकारी ने जांच की, तो मामले को सत्य पाया और कई लोगों के द्वारा अपने नाम से रसीद कटा लेने का मामला मिला. अब रसीद रद्द करने और दोषियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है.
सीओ की रिपोर्ट में खुलासा, जमाबंदी के तीन पेज में बदल दिया नाम
नाथनगर के अंचल के रजिस्टर-2 में विवि के जमीनों की जमाबंदी कुल 20 पेज में है. इसके पृष्ठ संख्या-15, 16 व 17 में नाम बदले जाने का मामला है. इसमें स्पष्ट तौर पर विवि व संबंधित लगान रसीद वाले का नाम लिखा है. दोनों ही मालिक की लिखावट में अंतर है.
अगर अंचल के रजिस्टर-2 में जमीन की जमाबंदी में मालिक बदला गया तो इसके लिए नियम पूर्वक कार्रवाई चली होगी. इसमें जमाबंदी बदलने का आवेदन दिया गया होगा, जिस पर संबंधित को नोटिस गया होगा.
यह उठे सवाल…
इस नोटिस के बाद अंचल कर्मचारी ने उसका नाम बदला होगा और आदेश फलक के तौर पर अंचलाधिकारी की तरफ से उसकी रिपोर्ट दी गयी होगी. इस पूरे काम में आवेदन, नोटिस व आदेश फलक जैसे कागजात अहम हैं.
अमरेंद्र नारायण चौधरी व जीवेंद्र नारायण चौधरी की तरफ से अधिवक्ता आशुतोष कुमार चौधरी ने डीएम आदेश तितरमारे, एसडीओ सदर कुमार अनुज, डीसीएलआर, नाथनगर अंचलाधिकारी को सिविल प्रोसेड्योर यू/एस-80 के तहत लीगल नोटिस भेजा है. इस नोटिस में सेटलमेंट ऑफिसर की कोर्ट से संबंधित खाता का आदेश अपने पक्ष में होने की बात का उल्लेख है.
केस की बहस के बाद होगा अंतिम निर्देश : अपर समाहर्ता(राजस्व) की कोर्ट में जमाबंदी में नाम बदले जाने व लगान रसीद कटाये जाने का केस चलेगा. इसकी बहस पर ही अंतिम निर्देश दिया जायेगा.
केस की बहस…
केस में जमीन की जमाबंदी में पहले के मालिक और संबंधित लगान रसीद वाले मालिक अपना-अपना पक्ष रखेंगे. इस पक्ष में कागजी तौर पर जमीन के सबूत पेश किये जायेंगे.
डीएम की राय पर आरोपित लखन लाल की नौकरी
नाथनगर के अंचलाधिकारी सुशील कुमार की रिपोर्ट के आधार पर आरोपित लखन लाल पर कार्रवाई की सिफारिश डीएम आदेश तितरमारे से की जायेगी. आरोप की गंभीरता को देखते हुए डीएम स्तर पर उसके खिलाफ प्रपत्र क गठित होगा या मामले में तत्काल कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपित को सस्पेंड किया जायेगा.
नाथनगर के अंचल अधिकारी सुशील कुमार ने रिपोर्ट भेजी है. अपर समाहर्ता(राजस्व) में लगान रसीद रद्द किये जाने का केस चलेगा. आरोपित कर्मचारी लखनलाल के बारे में उचित कार्रवाई के लिए डीएम के पास फाइल भेजी जायेगी.
सुबीर रंजन, डीसीएलआर सदर, भागलपुर
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