भागलपुर : शहर में बेकाबू हुई गंदगी से त्रस्त बुजुर्ग प्रबुद्ध जगदीश बाजोरिया का कहना है कि शहर के अंदर डपोरशंखी घोषणाएं हो रही है. यहां पर नेता से लेकर पदाधिकारी जनता के आंख में धूल झोंक रहे हैं. जो पांच दिन में हो सकता है, वह 50 वर्षों में भी पूरा नहीं हो पा रहा है. इस शहर को सेना को सौंप दिया जाये.
जैसे कि कहलगांव में ध्वस्त हुए रेल पुल को दो से तीन दिन में दुरुस्त कर दिया था. इसी तरह भागलपुर में भी कई ऐसे पुल व सड़क हैं, जहां निर्माण कार्य ठप है. नगर निगम एक सफाई कार्य कराने में अक्षम साबित हो रहा है, तो स्मार्ट सिटी कैसे बनायेगा. लोहिया पुल के नीचे का चौराहा महीनों को बदतर है. यहां पैदल चलना भी मुश्किल है. एनएच की यह स्थिति वर्षों से बनी हुई है. जनता को स्थानीय अधिकारियों एवं नेताओं पर भरोसा नहीं रह गया है.