पप्पू खां हत्याकांड . 31 अगस्त 2014 को कहलगांव में हुई थी घटना
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तीन को मिली उम्रकैद की सजा
पप्पू खां हत्याकांड . 31 अगस्त 2014 को कहलगांव में हुई थी घटना कहलगांव के पूरब टोला में 31 अगस्त 2014 को हुई हत्या में शामिल तीन आरोपितों को शनिवार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी. भागलपुर : जिला जज अरविंद माधव की अदालत ने शनिवार को कहलगांव के अजाउल हक उर्फ पप्पू […]
कहलगांव के पूरब टोला में 31 अगस्त 2014 को हुई हत्या में शामिल तीन आरोपितों को शनिवार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी.
भागलपुर : जिला जज अरविंद माधव की अदालत ने शनिवार को कहलगांव के अजाउल हक उर्फ पप्पू खां की हत्या के मामले में तीन को दोषी करार दिया है और उम्र कैद की सजा सुनायी है. हत्या मामले में अदालत ने एक आरोपी पंकज मंडल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इधर, सजा पाने वाले अपराधियों में टिड्ढा यादव उर्फ टुनटुन यादव, सोनू कुमार झा व सुमित कुमार सिंह है. उक्त अपराधियों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त छह माह की सजा का प्रावधान किया गया है.
ये है मामला. कहलगांव के पूरब टोला के रहने वाले अजाउल हक उर्फ पप्पू खां 31 अगस्त 2014 की रात लगभग नौ बजे साथियों के साथ बाइक से जा रहा था. बाइक पप्पू खुद चला रहा था और इस पर साथी रामनगर बंदर बगीचा निवासी मुन्ना यादव व छोटे लाल यादव पीछे बैठे थे. डोमासी के नहर पुल के पास जैसे ही वह पहुंचा,
वैसे आेगरी गांव की तरफ से तीन बाइक अचानक आयी और उसे घेर लिया. तीनों बाइक पर तीन-तीन अपराधी थे. खुद को घिरता देख पप्पू की बाइक अनियंत्रित होकर गिर गयी. संभलने की कोशिश करने से पहले अपराधियों ने उसे गोली मार दी. घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी ओगरी की ओर भाग निकले. भागने के दौरान टिड्ढा की बाइक के पीछे बैठा मुसहरी का सुमित कुमार सिंह गिर गया और ग्रामीणों ने उसे दौड़ कर पकड़ लिया. इधर, साथियों ने पप्पू खां को मायागंज अस्पताल लाया.
मगर, चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया. पप्पू खां को अस्पताल लाने वाले के बयान पर रामनगर के टिड्ढा यादव, मुसहरी के सुमित कुमार सिंह व सोनू कुमार झा और ओगरी के पंकज मंडल को नामजद किया गया. बचाव पक्ष से अधिवक्ता विनयानंद मिश्रा ने बहस में हिस्सा लिया.
ट्रेन डाका मामले में दो को 10-10 साल की सजा
प्रथम अपर जिला जज जनार्दन त्रिपाठी की अदालत ने शनिवार को राजेंद्रनगर-बांका इंटरसिटी में डाका मामले में दो अपराधियों को 10-10 साल की सजा सुनायी है. सजा पाने वालों में रियाजुल व मो शाहिन शामिल है. मामला तीन साल पहले की है. उक्त दोनों अपराधियों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है और जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त एक साल सजा का प्रावधान है. इस मामले में 28 सितंबर को ही अदालत ने दो आरोपी जयकृष्ण हरि व मुकेश कुमार दास को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था. मामला 19 अगस्त 2013 की है. बांका के उमेश प्रसाद चौधरी परिवार के साथ इंटरसिटी एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे.
बाराहाट से ट्रेन खुलने के साथ एक युवक सीट पर आकर बैठ गया, तो उसे उठा दिया था. युवक को उठाने के बाद वह वहीं खड़ा रह गया. इस दौरान एक युवक ने उसे शाहिन कह कर पुकारा और रियाजुल का नाम लेकर पूछा वह कहां पर है. ट्रेन मुरहरा हाल्ट से खुली, तो शाहीन ने बहू स्वाति के गले का चेन व मंगलसूत्र झपट्टा मार कर चलती ट्रेन से कूद गया, बाकी साथी भी उसके साथ कूद गये.
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