बियाडा क्षेत्र या प्राईवेट लैंड में स्थापित किये गये नये उद्योगों पर जमीन लीज अथवा खरीद पर लगने वाले रजिस्ट्री तथा स्टाम्प शुल्क तथा कृषि योग्य भूमि को गैर कृषि भूमि में परिवर्तन कराने पर लगने वाले शुल्क की सौ प्रतिशत प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जायेगी. साथ ही वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण पर लगने वाले ब्याज की अलग अलग वर्गों में 10 प्रतिशत से लेकर 13.8 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति की जाएगी. राज्य सरकार उद्यमियों द्वारा देय वैट, विद्युत् ड्यूटी आदि की प्रतिपूर्ति जारी रख रही है. प्राईवेट इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना, प्रायोरिटी क्षेत्र में आने वाले उद्योग आदि पर विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान भी है. उन्होंने बताया कि भागलपुर क्षेत्र में खाद्य, फल, दुग्ध आधारित उद्योगों की असीम संभावनाएं हैं.
जिला उद्योग केंद्र के मुख्य प्रबंधक निर्मल किशोर झा ने उद्यमियों तथा उद्योग लगाने में इच्छुक व्यक्तियों को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2016 का लाभ उठाने के लिए उद्यमियों को आगे आना चाहिए. उपस्थित उद्यमियों की समस्याएं जैसे सिंगल विंडो क्लियरेंस, बिजली बिल, वैट प्रतिपूर्ति, बियाडा औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं आदि पर उन्होंने आग्रह किया कि सभी समस्याएं लिखित में एकत्र कर इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के माध्यम से उन तक पहुंचायी जाये, ताकि वे जिलाधिकारी के समक्ष होने वाली सिंगल विंडो मीटिंग में उठा कर उनका समाधान करवाने का प्रयास कर सकें. आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ उद्यमियों की मीटिंग भी कराई जायेगी. इस अवसर पर इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन के महासचिव आलोक अग्रवाल, रुपेश वैद्य, संजय लाठ, पंकज जालान, मोहन केडिया, अजय शर्मा, विनोद केजरीवाल, महेश शर्मा, आलोक कुमार सहित बड़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित थे.