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कुछ दिन और चले बाढ़ राहत शिविर

भागलपुर : राष्ट्रीय चेतना दल ने विभिन्न बाढ़ राहत शिविरों का दौरा किया. दल के विशाल सिंह ने बाद राहत शिविर को कुछ और दिन चलने देने मांग की है. उन्होंने कहा कि बाढ पीड़ितों को मुआवजा देने से अच्छा रोजगार दिला दिया जाना चाहिए. मां दुर्गा का घोड़ा पर आगमन मुर्गा पर करेंगी प्रस्थान […]

भागलपुर : राष्ट्रीय चेतना दल ने विभिन्न बाढ़ राहत शिविरों का दौरा किया. दल के विशाल सिंह ने बाद राहत शिविर को कुछ और दिन चलने देने मांग की है. उन्होंने कहा कि बाढ पीड़ितों को मुआवजा देने से अच्छा रोजगार दिला दिया जाना चाहिए.

मां दुर्गा का घोड़ा पर आगमन मुर्गा पर करेंगी प्रस्थान
शारदीय नवरात्र एक अक्तूबर से प्रारंभ होगा. 11 अक्तूबर को विजयादशमी है. परम शक्ति माँ दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्रा सर्वोत्तम समय माना जाता है. इसमें भी शारदीय नवरात्रा का सर्वाधिक महत्व है. देश के साथ-साथ विदेशों में भी रहनेवाले भारतीय इस महाव्रत को करते हैं. शक्ति की देवी दुर्गा की उपासना से आज भी भक्त शांति और आत्म बल लोग प्राप्त करते हैं. माँ दुर्गा के आगमन एवं प्रस्थान से ही आगामी वर्ष के अच्छे बुरे फल का अंदाज लगाया जा सकता है.
श्री शिव शक्तियोगपीठाधीश्वर ( नवगछिया, भागलपुर) परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने बताया कि इस वर्ष नवरात्रा कलश स्थापना आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा एक अक्तूबर शनिवार को होने के कारण शास्त्रों में मां दुर्गा का आगमन का वाहन घोड़ा है. जिसका फल होता है सरकार को विरोध का सामना करना पडेगा. राजा को हानि, शासन एवं सत्ता के लिए अशुभ माना जाता है. लेकिन आमलोगों के लिए शुभ संकेत है। विजयादशमी ग्यारह अक्तूबर मंगलवार को हैं। माँ दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ मुर्गा पर सवार होकर लौटेंगी. इसका फल होता है-राष्ट्र ओर जनमानस के बीच विकलता, अशांति, क्षौभ, आदि. इस बार 10 दिनों का नवरात्रा होगा. द्वितीया तिथि दो दिन है. कई साल बाद इस तरह का संयोग बना है. कुल मिला कर असुर पर सुर, बुराई पर अच्छाई के विजय का प्रतीक नवरात्रा आत्मसाधना है.
माँ दुर्गा का आगमन एवं प्रस्थान कलश स्थापना के दिन से जुड़ा है. यदि रविवार व सोमवार को पूजा प्रारंभ होती है तो माँ दुर्गा हाथी पर, शनिवार व मंगलवार को घोड़ा पर, गुरुवार व शुक्रवार को डोला पर, बुधवार को पूजा प्रारंभ होने पर मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आती हैं. गज ( हाथी) पर आना पानी की बढ़ोतरी, घोड़ा पर आना युद्ध की आशंका, नौका पर आने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. डोली पर आना आक्रांत रोग, मृत्यु का भय बना रहता है. प्रस्थान:- रविवार व सोमवार को विजयादशमी होता हैं तो माँ दुर्गा भैंसा पर, शनिवार व मंगलवार को मुर्गा पर, बुधवार व शुक्रवार को गज पर एवं गुरुवार को नर वाहन पर प्रस्थान करती हैं. भैंसा पर प्रस्थान करना शोक का माहौल, मुर्गा पर जन मानस में विकलता, गज पर शुभ वृष्टि, नरवाहन पर शुभ होता है. इस बार माँ दुर्गा अपने पूरे परिवार के साथ घोड़ा पर सवार होकर आयेंगी ओर मुर्गा पर सवार होकर लौटेंगी.

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