कहते हैं सीओ
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राहत शिविर बंद हाने से बाढ़ पीड़ितों की बढ़ी परेशानी
कहते हैं सीओ सीओ श्रीधर पांडेय ने कहा कि प्रखड कार्यालय स्थित शिविर मे कुछ बाढ़ पीड़ित अभी ठहरे हुए हैं. इनके घरों से पानी निकल गया है. शिविर के प्रभारी ने बंद करने की रिपोर्ट नहीं दी है. ग्रामीण क्षेत्र के सारे राहत शिविर बंद कर दिये गये हैं. सुलतानगंज : बाढ़ का पानी […]
सीओ श्रीधर पांडेय ने कहा कि प्रखड कार्यालय स्थित शिविर मे कुछ बाढ़ पीड़ित अभी ठहरे हुए हैं. इनके घरों से पानी निकल गया है. शिविर के प्रभारी ने बंद करने की रिपोर्ट नहीं दी है. ग्रामीण क्षेत्र के सारे राहत शिविर बंद कर दिये गये हैं.
सुलतानगंज : बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद प्रखंड के राहत शिविर बंद कर दिये गये हैं. अब प्रखंड कार्यालय में बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है. इधर बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि सीओ ने शिविर प्रभारी पर दबाव डाल कर शिविर बंद कराया. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि पानी कम होने के बाद धर के आसपास गंदागी का अंबार लगा हुआ है. गांवों में शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है. इस हालत में अभी घर जा कर रहना मुश्किल है. बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि प्रखड कार्यालय परिसर में चलाये जा रहे शिविर में लूट हो रही है. एक भी पीड़ित यात्री शेड स्थित शिविर में नहीं रहता है.
पीड़ित परिवारों के बीच वितरण के लिए पंचायत समिति सदस्य व मुखिया को रात में साम्रगी दी जाती है. दिन भर अंचल कार्यालय मे बाढ़ पीड़ित राहत की मांग करते हैं, तो बताया जाता है कि सामग्री उपल्बध नही है. शाम होते ही मुखिया व पंचायत के अन्य जनप्रतिनिधियों का जमावाड़ा अंचल कार्यालय मे लग जाता है. देर रात इन्हें राहत साम्रगी दी जाती है. सवाल उठता है कि यह राहत साम्रगी पीड़ित परिवारों तक पहुंचती है या नहीं? इसकी निगरानी के लिए किस कर्मी की प्रतिनियुक्ति की गयी है, यह भी किसी को पता नहीं है.
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