बाढ़ से तबाही. मध्ययुगीन सभ्यता वाला जीवन जी रहे नवगछिया के लोग
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चारों ओर पानी ही पानी, संचार सेवा ठप
बाढ़ से तबाही. मध्ययुगीन सभ्यता वाला जीवन जी रहे नवगछिया के लोग बाढ़ की त्रासदी ने नवगछिया के लोगों को मध्य युग में जीने को विवश कर दिया है. लोग पानी में तैर कर या नाव के सहारे दैनिक जरूरतों की वस्तुएं ला रहे हैं. संचार सेवा ध्वस्त हो गयी है. महत्वपूर्ण कंपनियों की सेवा […]
बाढ़ की त्रासदी ने नवगछिया के लोगों को मध्य युग में जीने को विवश कर दिया है. लोग पानी में तैर कर या नाव के सहारे दैनिक जरूरतों की वस्तुएं ला रहे हैं. संचार सेवा ध्वस्त हो गयी है. महत्वपूर्ण कंपनियों की सेवा ठप है. व्यवसाय चौपट हो चुका है. बाढ़ से प्रत्यक्ष रूप से नवगछिया के एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. करोड़ों की क्षति हुई है.
नवगछिया :नवगछिया शहर और महत्वपूर्ण संस्थानों से बाढ़ का पानी अभी भी उतरा नहीं है. नवगछिया शहर के नयाटोला, एसपी कार्यालय, प्रखंड परिसर, कचहरी परिसर, अनुमंडल कार्यालय और विभिन्न संपर्क पथों पर बाढ़ के जल स्तर में कमी जरूर आयी है लेकिन कहीं भी अभी तक पानी बिल्कुल नहीं उतरा है. नवगछिया के मकंदपुर चौक से पूर्वी केबिन होते हुए बाजार जाने वाली सड़क पर अभी भी करीब सौ मीटर तक एक फीट पानी का बहाव हो रहा है.
नवगछिया प्रखंड मुख्यालय में भी पानी का बहाव डेढ़ फीट से है. अनुमंडल कार्यालय में अभी भी कहीं तीन फीट तो कहीं चार फीट पानी है. नवगछिया नया टोला में कहीं चार तो कहीं पांच फीट पानी है. स्टेशन परिसर में भी चार फीट पानी का बहाव हो रहा है तो दूसरी तरफ बाबा बिशु राउत सपंर्क पथ ओवरब्रिज के नीचे पानी का बहाव काफी तेज होने के कारण वहां पर नाव का परिचालन खतरनाक साबित हो रहा है.
रंगरा में तेजी से फैल रहा पानी : रंगरा प्रखंड में बड़ी तेजी से गंगा में आयी बाढ़ का पानी नये इलाकों में फैल रहा है. चंद्रखरा, मुरली, बनिया गांव को जल मग्न करने के बाद बाढ़ का पानी खेतों में बड़ी तेजी से फैल गया तो दूसरी तरफ बाढ़ का पानी रंगरा चौक के पास एनएच 31 में सट गया है. जानकार बता रहे हैं कि अगले तीन से चार दिन में नवगछिया एनएच से शहर प्रवेश करने के लिए कोई न कोई मार्ग सूख जायेगा.
ग्रिड डूब जाने के बाद खरीक को नहीं मिल पायी है बिजली : नवगछिया में बिजली ग्रिड के बाढ़ के पानी में डूब जाने के बाद अब तक खरीक के सभी इलाकों में बिजली नहीं मिल पायी है. कांग्रेस नेता व जिला पार्षद गौरव राय ने कहा कि खरीक फीडर में दो-चार घंटे ही बिजली आपूर्ति हो रही है. अभी तक हाइ लेबल फीडर और तुलसीपुर फीडर में बिजली आपूर्ति नहीं हो पायी है. खरीक प्रखंड में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए बिहपुर ग्रिड में उच्च क्षतमा का ट्रांसफाॅर्मर लगाने की मांग कार्यपालक अभियंता से की गयी है.
एकमात्र नाव का भी हो सकता है
परिचालन बंद : नवगछिया नया टोला के लोगों के लिए प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था की गयी है, लेकिन अंचल कार्यालय के पास नाविकों को देने के लिए पैसे नहीं हैं. भाजपा के जिलाध्यक्ष विनोद मंडल ने बताया कि उन्हांेने पदाधिकारियों के कहने पर नाव की व्यवस्था की थी. नाविकों को पैसे देने के लिए उन्होंने अंचल कार्यालय से संपर्क किया तो अंचल नजारत के कर्मी ने कहा कि नाव परिचलन के लिए अंचल के पैसे ही नहीं है. अब एक मात्र नाव का परिचालन भी बंद हो सकता है.
चार दिन से पशुओं को नहीं मिला चारा : पूरी तरह से जल मग्न हो चुकी जगतपुर पंचायत में पिछले चार दिनों से करीब तीन सौ मवेशी भूखे हैं. पशुपालकों के पास चारा खरीदने को पैसे नहीं हैं. पशुपालकों व मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि चारा के अभाव में मवेशियों ने दूध देना बंद कर दिया है. मुखिया प्रतिनिधि ने पदाधिकारियों से पशु चारा की व्यवस्था करने की मांग की है.
शिविर में पी रहे हैं दूषित जल :
जगतपुर स्थित टेक्नोमिशन स्कूल में लगाये गये बाढ़ पीडि़तों के शिविर में रोजाना दो बार 15 सौ से अधिक लोग खाना खा रहे हैं, लेकिन यहां लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है. पीएचइडी द्वारा लगाये गये चापाकल से बालू आ रहा है. मुखिया प्रतिनिधि प्रदीप कुमार यादव और मुखिया सोनी भारती ने पीएचइडी के अधिकारियों से फोन पर शिकायत की है.
बाढ़ पीड़ितों को प्रोजेक्टर पर दिखायी जा रही देश भक्ति फिल्म
टेक्नोमिशन स्कूल परिसर में बनाये गये बाढ़ राहत शिविर में तीन हजार लोगों के रहने की व्यवस्था की गयी है. रात में यहां पर प्रोजेक्टर पर देश भक्ति फिल्म दिखायी जा रही है. बड़ी संख्या में बाढ़ पीडि़त जगतपुर कैंप में शरण लिये हुए हैं.
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