भागलपुर : टीएनबी कॉलेजिएट मैदान परिसर में शंकरपुर दियारा व चौवनिया दियारा के 300 से अधिक लोगों ने शरण ली है. सभी तंबू बनाकर रह रहे हैं. उनके साथ 200 से अधिक मवेशी भी हैं. बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए खिचड़ी की व्यवस्था की गयी, लेकिन उनके मवेशियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. पीड़ित […]
भागलपुर : टीएनबी कॉलेजिएट मैदान परिसर में शंकरपुर दियारा व चौवनिया दियारा के 300 से अधिक लोगों ने शरण ली है. सभी तंबू बनाकर रह रहे हैं. उनके साथ 200 से अधिक मवेशी भी हैं. बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए खिचड़ी की व्यवस्था की गयी, लेकिन उनके मवेशियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
पीड़ित चारा की व्यवस्था जैसे-तैसे कर रहे, लेकिन मवेशी को पीने का पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. बाढ़ पीड़ितों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है. पीड़ित नाले का सहारा लेने को विवश हैं. रोजाना एक टैंकर पानी की व्यवस्था है, जो पर्याप्त नहीं है.
शुरू हुआ कच्चा शौचालय का निर्माण
शौचालय के अभाव में बाढ़ पीड़ितों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा था. प्रशासन की ओर से यहां पर कच्चा शौचालय का निर्माण शुरू किया गया. बाढ़ पीड़ित लल्लू मंडल, बुद्धिनाथ मंडल, श्रीलाल मंडल, प्रयाग मंडल, टिलो महतो, मंजीत कुमार ने बताया कि शौचालय नहीं होने पर पुरुष तो कहीं भी जुगाड़ कर लेते, लेकिन महिलाओं को बहुत दिक्कत हो रही है. सभी लोग अंधेरा होने का इंतजार करते हैं ताकि कहीं कोने-कातर में शौच कर सकें.
किसी तरह भर रहा है पेट : स्कूल में दो समय खिचड़ी का वितरण हो रहा है, लेकिन बच्चों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय लोग समय-समय पर कुछ न कुछ सहयोग कर रहे हैं, नहीं तो जिंदा रहना मुश्किल हो जाता.
रोजाना एक ही टैंकर पानी मिल रहा है. इससे लोगों काे तो पानी मिल जाता है, लेकिन मवेशी को पानी का अभाव हो रहा है. चिलचिलाती धूप में भैंस, गाय व बकरी को अधिक प्यास लगती है. मैदान में एक बोरिंग है, जो हर समय नहीं चलता है. मवेशियों के लिए भूसा की कोई व्यवस्था नहीं है. भूसा बाजार से खरीदकर ला रहा है. अभी आठ रुपये किलो कुट्टी खरीद रहे हैं, जो पहले छह रुपये किलो मिल जाता था.
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