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सबौर से घोघा तक जलमग्न बाढ़ . एनएच 80 लगा बैरियर, आवागमन बािधत

भागलपुर : गंगा का जलस्तर 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर बढ़ने से इंजीनियरिंग कॉलेज से घोघा के बीच एनएच 80 जिस स्थान पर सूखा था, वह भी डूब गया. केवल बाबूपुर मोड़, सबौर के ब्राह्मण टोला से लेकर प्रखंड मुख्यालय एवं घोषपुर के पास पुलिया पर सूखा है. हालांकि इस मार्ग पर मंगलवार को भी […]

भागलपुर : गंगा का जलस्तर 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर बढ़ने से इंजीनियरिंग कॉलेज से घोघा के बीच एनएच 80 जिस स्थान पर सूखा था, वह भी डूब गया. केवल बाबूपुर मोड़, सबौर के ब्राह्मण टोला से लेकर प्रखंड मुख्यालय एवं घोषपुर के पास पुलिया पर सूखा है. हालांकि इस मार्ग पर मंगलवार को भी आवागमन बंद रहा. इंजीनिरयरिंग कॉलेज के पास से लेकर घोघा के बीच आधा फीट से लेकर लगभग फीट तक सड़क पर पानी का तेज बहाव है.

एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर ही एनएच पर हो रहा गुजरना. इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर सबौर के ब्राह्मण टोला तक सड़क पर भी पानी का बहाव तेज है, जिससे लोगों का गुजरना बड़ी मुश्किल से हो रहा है. लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर आ-जा रहे हैं. लगातार पानी का बहाव के कारण सड़क भी काफी खराब हो गयी है. जगह-जगह गड्ढे बन गये हैं, तो एक हिससे की सड़क टूट गयी है.
खाने-पीने का न ठिकाना,
बीच हाइवे पर तंबू डाल कर जीने की मजबूरी. नवटोलिया चौका बाढ़ में डूबने के बाद किसी तरह जान बचाकर विंदेश्वरी मंडल और सुधो मंडल अपने परिवार के साथ हाइवे पर पहुंचे. उन्हें सबौर हाइस्कूल (राहत शिविर) में आश्रय नहीं मिला, तो इंजीनियरिंग कॉलेज के पास बीच हाइवे पर तंबू डाल दिया. स्थिति अब यह है कि वह जिस स्थान पर तंबू डाल कर रह रहे हैं, वहां अब एक फीट से ज्यादा पानी बहने लगा है. उसको अब इस बात की चिंता खायी जा रही है कि ज्यादा पानी आने पर फिर वे कहां जाये. वह और उसका परिवार पहले से इस बात को लेकर मायूस हैं
कि चारों ओर राहत और खाने-पीने का सामान बंट रहा है, मगर उन तक पहुंचने वाला कोई नहीं सामने आ रहा है. खाना नहीं मिलने से मायूस परिवार अब पानी बढ़ने को लेकर चिंतित है. विंदेश्वरी ने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कतें शौच को लेकर हो रही है. महिलाएं अंधेरा होने का इंतजार में रहती है. इधर, सुधो ने हाइवे पर रहने के साथ-साथ अपनी पेट भरने का जुगाड़ उसी स्थान पर कर लिया है. उन्हें बीच हाइवे पर चाय दुकान खोल ली है. इससे जो कमाई होती है,
उससे वह गुजरा करने लगे हैं.
इंजीनियरों ने किया निरीक्षण, पानी उतरते ही होगा एनएच दुरुस्त. एनएच विभाग के इंजीनियरों की टीम ने मंगलवार को नाव से सड़क का निरीक्षण किया. इस दौरान टीम ने कहां, कितनी लंबाई में सड़क क्षतिग्रस्त हुई है, इसका उन्होंने अनुमान के आधार पर आकलन किया. इधर, आकलन के आधार पर एस्टिमेट बनाना शुरू कर दिया है. इंजीनियरों की टीम में कार्यपालक अभियंता नागेंद्र भगत, सहायक अभियंता अजय कुमार पांडेय एवं कनीय अभियंता अविनाश कुमार आदि शामिल थे.
सुपरिटेंडेंट इंजीनियर लक्ष्मीनारायण सिंह ने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने से पहले आकलन के रिपोर्ट के आधार बना एस्टिमेट को मंत्रालय से स्वीकृति करा लिया जायेगा. इसके बाद पानी उतरने के साथ सड़क दुरुस्तीकरण कार्य किया जायेगा. उन्होंने बताया कि आकलन रिपोर्ट पर होने वाले खर्च में घट-बढ़ की पूर्ति राशि मंगा कर की जायेगी. इससे समय की बचत होगी. एस्टिमेट बनाने और स्वीकृति कराने से लेकर टेंडर की प्रक्रिया अपनाने जैसी स्थिति के कारण दुुरुस्तीकरण कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा. पानी उतरने के साथ दुरुस्तीकरण कार्य से ससमय यातायात व्यवस्था बहाल हो जायेगी.
सबाैर-घोघा मार्ग : डूबी सड़क पर जा रहे व्यक्ति को पुलिस को लौटाया
पुलिस की नजर से बच कर एक व्यक्ति सबौर-घोघा मार्ग (एनएच) पर ढाई-तीन फीट बहाव में भी पैदल चल पड़ा. जब वह दूर तक चला गया, तो उस पर पुलिस की नजर पड़ी. जवानों ने आवाज पर आवाज लगायी, मगर वह नहीं रुका.थाेड़ी देर के बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची और वे नाव लेकर उस तक पहुंचे और जबरन उसे वापस लाया. व्यक्ति की पहचान इंगलिश फरका निवासी राजीव कुमार पिता रामबालक यादव के रूप में हुई है. सूत्रों की मानें तो युवक आत्महत्या करने जा रहा था.

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