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डायरिया, टायफाइड व पीलिया का प्रकोप बढ़ा

मायागंज हॉस्पिटल के इमरजेंसी में आने वाले बीमार बच्चोें में ज्यादातर मरीज डायरिया, टायफाइड व पीलिया के भागलपुर : सावन चढ़ते ही मानसून के तेवर कभी गरम तो कभी नरम होने लगे हैं. ऐसे में पसीना, उमस व गरमी के कारण वैक्टिरिया काे पनपने लगे. जिससे डायरिया, टायफाइड व पीलिया के मरीज बढ़ने लगे. जेएलएनएमसीएच […]

मायागंज हॉस्पिटल के इमरजेंसी में आने वाले बीमार बच्चोें में ज्यादातर मरीज डायरिया, टायफाइड व पीलिया के

भागलपुर : सावन चढ़ते ही मानसून के तेवर कभी गरम तो कभी नरम होने लगे हैं. ऐसे में पसीना, उमस व गरमी के कारण वैक्टिरिया काे पनपने लगे. जिससे डायरिया, टायफाइड व पीलिया के मरीज बढ़ने लगे. जेएलएनएमसीएच के इमरजेंसी से लेकर मेडिसिन की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में करीब 25-30 फीसदी तक डायरिया, टायफाइड व पीलिया के मरीज बढ़ गये हैं.
शिगैला के कारण सर्वाधिक बच्चे डायरिया की चपेट में : शिशु रोग विशेषज्ञ प्रो(डॉ) आरके सिन्हा बताते हैं कि बिहार समेत पूरे देश में शिगैला के कारण सबसे अधिक बच्चे डायरिया की चपेट में आते हैं. ये बैक्टीरिया नालियों या मल-मूत्र वाले गंदे स्थानों पर पाये जाते हैं.
लिवर में सूजन के कारण होता है जांडिस
लिवर में सूजन होने पर जांडिस(पीलिया) हो जाता है. इसके मरीज की आंखें पीली, पेशाब का रंग पीला, उल्टी व भूख का कम लगना व पेट में लगातार दर्द बना रहता है. अगर ये लक्षण दिखे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें.
बरसात के माैसम में वैक्टरिया के पनपने का अनुकूल माहाैल होता है. अत: इस माैसम में टायफाइड, जांडिस, डायरिया का प्रकाेप बढ़ जाता है. टायफाइड या जांडिस के मरीज को पानी उबालकर पीना चाहिए. साथ ही उसे बाहर खुले में बिकने वाले भोज्य पदार्थों से परहेज करें. फल व हरी सब्जियों को अच्छी तरह से धाेने के बाद ही इस्तेमाल करें.
डा‍ॅ राकेश कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलेज एंड हॉस्पिटल
तेज बुखार हो, तो हो जायें अलर्ट
अगर किसी मरीज को तेज बुखार के साथ-साथ सरदर्द होता हो तो उसे सतर्क हाे जाना चाहिए. उसे टायफाइड हो सकता है. अगर मरीज में उक्त लक्षण के साथ-साथ भूख की कमी, उल्टी व सुबह बुखार का ज्यादा होना और शाम तक कम हो जा रहा है तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. यह वायरल होता है. इसके मरीज को दवा के साथ-साथ आराम करना चाहिए. इसे ठीक होने में दस दिन से लेकर 14 दिन तक का समय लगता है.
ये हैं डायरिया के लक्षण
बच्चे को दस्त के साथ-साथ सुस्ती, अर्द्धचेतन अवस्था में जाना, आंखें अंदर की ओर धंसना, त्वचा का सूखा होना, ब्लड प्रेशर कम होना, यूरिन(मूत्र) बंद होना या कम होना डायरिया के प्रमुख लक्षण है.
यूं बरतें सावधानी
घर के आसपास सफाई रखें, दूषित और बासी भोजन न करें. जंक फूड (पिज्जा,बर्गर, मोमो, चाउमिन आदि) से दूर रहें. हरी सब्जियां और फल को अच्छी तरह से धोकर ही इस्तेमाल करें. खुले में बिक रहे जूस, मिठाई, चाट-गोलगप्पा से दूर रहें.

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