एनएच 80 . कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन के एनएच होकर गुजरना नरक जैसी देता यातना
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जर्जर सड़क तोड़ रही लोगों की कमर
एनएच 80 . कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन के एनएच होकर गुजरना नरक जैसी देता यातना भागलपुर शहर को जोड़ने वाली कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन की एनएच मिट्टी में मिल चुकी है. इस सड़क से होकर गुजरना नरक जैसी यातना देता है. यह मार्ग पूरी तरह से खेत में तब्दील हो गया है. हर कदम पर गहरे गड्ढे हैं और […]
भागलपुर शहर को जोड़ने वाली कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन की एनएच मिट्टी में मिल चुकी है. इस सड़क से होकर गुजरना नरक जैसी यातना देता है. यह मार्ग पूरी तरह से खेत में तब्दील हो गया है. हर कदम पर गहरे गड्ढे हैं और इसमें बरसाती पानी जमा होने से यह तालाब बन गया है. पूरे क्षेत्र के लाेग मुसीबत झेल रहे हैं. कहलगांव आने वाले सैलानी की भी परेशानी बढ़ गयी है. इस वजह से इसका बुरा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा है. सड़क के कारण एनटीपीसी भी परेशान होने लगे हैं. सड़क मार्ग से मंगाये जाना वाला सामान समय पर एनटीपीसी नहीं पहुंच पा रहा है.
भागलपुर : खेत में तब्दील कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन के एनएच किनारे बसे गांव-टोलों में लोगों का अब घरों से निकलना लगभग बंद हो गया है. अगर लोग कोशिश भी करते हैं, तो उन्हें घर से निकलने के साथ रोड पर गहरे गड्ढे में घुटने तक जमा पानी का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति कहलगांव और अम्मापाली हॉल के बीच एनएच की है.
यहां हर कदम पर तालाब बना है, जिसे पैदल पार करना लोगों के लिए कठिन हो गया है.
बरसात से पहले ही घर में रख दिये हैं मोटरसाइकिल: किरतनिया गांव के सुधीर, नितेश आदि ने बताया कि एनएच अब पैदल चलने लायक भी नहीं रहा. बरसात का मौसम शुरू होने के साथ रोड पर कीचड़, गड्ढे और जलजमाव रहने लगा है. इस वजह से सड़क मार्ग से होकर कहलगांव व पीरपैंती आना-जाना बंद हो गया है.
उक्त कारणों से मोटरसाइकिल को घर में रख दिया है.
केवल बनती रही योजना, मगर नहीं बनी सड़क : सालों भर किसी न किसी विभाग के मंत्री या फिर बड़े अफसरों का भागलपुर आना-जाना लगा रहा. पथ निर्माण मंत्री भी आये थे और विभागीय अधिकारियों संग बैठक कर उन्हें सड़क बनाने का निर्देश देते रहे. एक के बाद एक कई हादसों के बाद भी विभाग ने सुध नहीं ली, जिससे सड़क की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ.
12 अप्रैल 2016 : मंत्रालय के एडीजी का निरीक्षण
तीन दिवसीय दौरे पर आये केंद्रीय भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अपर महासचिव बीएन सिंह ने नेशनल हाइवे का जायजा लिया था. सड़क की हालत देख उन्होंने कहा था कि
सात साल से क्यों नहीं एक्शन लिया गया.
16 जून 2015 : विजिलेंस एसपी का निरीक्षण
विजिलेंस इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की टीम की जांच हुई थी. तत्कालीन एसपी अश्विनी कुमार ने सड़क निरीक्षण के उपरांत योजनाओं से संबंधित फाइलों की पड़ताल की थी. रिपोर्ट ऐसी बनी थी कि घपला-घोटाला संकेत मिल रहे थे. एसपी के बदलने से मामला ठंडे बस्ते में चला गया है.
30 नवंबर 2014 : तत्कालीन मंत्री ललन सिंह का निरीक्षण
तत्कालीन मंत्री ललन सिंह ने नगर विधायक अजीत शर्मा के साथ मिल कर एनएच-80 के कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन की सड़क का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के उपरांत सड़क को सुधारने की दिशा पहल की बात कही. यह भी कहते रहे कि केंद्र सरकार पैसा देना नहीं चाहती है.
जनवरी 2016 : चीफ इंजीनियर का निरीक्षण
नेशनल हाइवे के चीफ इंजीनियर राम अवधेश कुमार प्रस्तावित फोरलेन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें नेशनल हाइवे के कहलगांव-पीरपैंती सेक्शन का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान वे कहलगांव में पूरी रात फंसे रहे थे. उन्होंने सड़क की दुर्दशा पर अफसोस जताया था और कहा था कि लौटने के साथ मंत्रालय को सड़क की जर्जर स्थिति से अवगत करायेंगे. चीफ इंजीनियर द्वारा रिपोर्ट भेजी गयी, मगर सड़क की हालत सुधारने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी.
फरवरी 2016 : जिलाधिकारी ने भेजा था त्राहिमाम संदेश
नेशनल हाइवे के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक करने और डांट फटकार के बाद भी जब सड़क की दशा नहीं सुधरी, तो डीएम ने राज्य सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा. कुछ दिनों तक एनएच के मुख्यालय में खलबली मची रही. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया है.
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