भागलपुर: मंदारहिल रेलखंड का एक ऐसा हॉल्ट है, जिसके कक्ष का ताला लगभग पांच साल से नहीं खुला है. इस हॉल्ट से हर दिन ट्रेनें गुजरती है और ठहराव भी होता है. स्टेशन पर यात्री भी आते हैं. फिर भी यहां यात्री सुविधा के लिहाज से हॉल्ट की शक्ल नहीं बदली और. यह हाल है गोनूधाम हॉल्ट की. हॉल्ट का नाम प्रसिद्ध गोनू बाबा धाम के नाम से है और यहां हर सोमवारी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है.
ट्रेन के इंतजार में मुकेश, संजीव, राकेश आदि ने बताया कि सबसे ज्यादा झारखंड से श्रद्धालु पहुंचते हैं. सड़क जर्जर रहने की वजह से यात्रियों का रेलमार्ग से ही आना-जाना लगा रहता है. इसके बावजूद यात्री सुविधा नदारद है. यात्री सुविधा के नाम पर केवल रेलवे फाटक बना है. यहां स्टेशन के नाम पर केवल छोटा से कमरा है, जिसकी छत टूट चुकी है. यात्रियों के लिए एक शेड तक नहीं है. पीने का पानी की भी व्यवस्था नहीं है. केवल एक चापाकल है, जो सालों से सूखा है.
देवघर से जुड़ी लाइन, फिर भी उपेक्षित गोनूधाम हॉल्ट. बांका और चांदन के बीच नयी रेल लाइन बिछायी गयी. इससे भागलपुर का रेल संपर्क देवघर से जुड़ गया है. केवल चालू होना बाकी है. इसको लेकर इस रूट की लगभग हॉल्ट और स्टेशन में आमान परिवर्तन हुआ. मगर गोनूधाम हॉल्ट उपेक्षित ही रह गया. उपेक्षा के शिकार गोनूधाम हॉल्ट के कारण तरडीहा, फुलवरिया, बैजानी, तरडीहा, उस्तु आदि सहित दर्जनों गांव के लोगों को परेशानी हो रही है. उक्त गांवों के लाखों की आबादी को आवाजाही के लिए एक मात्र साधन रेलमार्ग है.
ट्रेनों में नहीं मिलता पानी, पसरी रहती गंदगी
मंदारहिल रेल खंड पर हंसडीहा, मंदारहिल व बांका पैसेंजर कई फेरा लगाती है. उक्त पैसेंजर ट्रेन में पानी नहीं मिलता है. इसके टॉयलेट व कोच में गंदगी रहती है. इसके चलते सफर के दौरान यात्रियों को दिक्कत होती है. भागलपुर स्टेशन जब पैसेंजर ट्रेन पहुंचती है, तो यात्रियों को पानी मिलता है. दरअसल, भागलपुर से ट्रेन रवाना होने के समय में जिम्मेदार रेलवे अधिकारी जांच तक नहीं करते हैं कि ट्रेन में पानी भरा है या नहीं.