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अंशुराज हादसा: जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद

भागलपुर: छात्र अंशु राज की विश्वविद्यालय थाना की जीप से हुई मौत के बाद हुए आंदोलन में गिरफ्तार 28 छात्रों में अभी भी 12 छात्र जेल में हैं. जो 16 छात्र जेल से बाहर आ चुके हैं उनके लिए बड़े संघर्ष का दौर शुरू हो चुका है. वे पुराने र्ढे पर आने के लिए कड़ी […]

भागलपुर: छात्र अंशु राज की विश्वविद्यालय थाना की जीप से हुई मौत के बाद हुए आंदोलन में गिरफ्तार 28 छात्रों में अभी भी 12 छात्र जेल में हैं. जो 16 छात्र जेल से बाहर आ चुके हैं उनके लिए बड़े संघर्ष का दौर शुरू हो चुका है.

वे पुराने र्ढे पर आने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.जो छात्र जेल में बंद हैं, उनके लिए छात्र संगठनों ने आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

गत शनिवार को छह छात्र शहीद जुब्बा साहनी केंद्रीय कारा से बाहर निकले थे. स्नातक पार्ट वन (सोलिजी) का छात्र राहुल कुमार को छूटी पढ़ाई को पूरा करना है. अकबरनगर पूर्वी टोला के संजीत कुमार के दूध का छोटा-सा कारोबार फिर से शुरू करने की परेशानी बढ़ गयी है. इसी तरह पकरा, नवगछिया के चंदन कुमार जेल से बाहर तो आया, लेकिन दो दिन बाद ही उसके नवजात शिशु की मौत ने उसे बड़ी पीड़ा दे गया है. यही नहीं चंदन जिस कंपनी में नौकरी कर रहा था, उसमें फिर से उसमें योगदान देने दिया जायेगा कि नहीं इसका भरोसा नहीं है. यह उन लोगों की दास्तां है, जिन पर लगे आरोप साबित नहीं होने के कारण जेल से छोड़ा गया. अब उनके सामने बड़ा सवाल है कि पटरी से उतर चुकी जिंदगी को फिर से किस तरह पटरी पर लाया जाये.

बन रही आंदोलन की रणनीति
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विश्वविद्यालय मंत्री शिवशंकर सरकार व जिला संयोजक रवि कुमार ने बताया कि सात छात्रों की डायरी जमा नहीं होने के कारण वे जेल में बंद हैं. यह पुलिस की छात्रों के प्रति बर्बरता को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन छात्रों पर लगातार अत्याचार कर रहा है. इससे नीतीश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है. न्याय के लिए जेल में बंद छात्रों के परिजन लगातार चक्कर लगा रहे हैं.

उन्होंने सवाल उठाया कि महीने भर छात्रों ने जो प्रताड़ना सही है, उसका जिम्मेवार कौन है. उन्होंने चेतावनी दी कि लाठीचार्ज व पत्थरबाजी की सीडी परिषद के पास है. अगर प्रताड़ना बंद नहीं हुई, तो परिषद उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेगा. बुधवार को छात्र समागम बैठक करेगा. छात्र समागम के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सोमू राज ने बताया कि छात्रों की रिहाई की मांग को लेकर अंशु राज की मौत से लेकर छात्रों को जेल में बंद करने तक की पीड़ा से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत कराया जायेगा. इसके लिए कार्यकर्ताओं का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा. बैठक में इसी बात को लेकर निर्णय लिया जायेगा. छात्रों पर हुए लाठीचार्ज व मुकदमा के खिलाफ 17 जनवरी को आइसा जन-अदालत का आयोजन करेगा. इसमें छात्रों की रिहाई, मुकदमे की वापसी, दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर आवाज उठायी जायेगी. यह निर्णय आइसा की बैठक में लिया गया है.

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