भागलपुर : बिहार के पटना िस्थत कैग यानि एकाउंट जनरल पटना ने पंचायत से संबंिधत जो ऑिडट किये है, वह चौंकाने वाले हैं. राज्य में कई ऐसे पंचायत हैं, िजन्हें बजट तो प्रस्तावित किये गये, लेिकन वह रािश खर्च ही नहीं कर पाये. कई ऐसे पंचायत भी हैं, जहां रािश खर्च की गयी, लेिकन कोई िहसाब-िकताब नहीं रखा गया. यािन पारदर्शिता का अभाव रहा. कई पंचायत प्रतिनिधियों पर मुकदमा दर्ज िकया गया.
यह सभी पंचायतों पर ही सवािलया िनशान लगाते हैं. पंचायतों में िबना ग्राम सभा के सरकारी योजनाओं का नहीं िलया जा सकता,लेिकन कैग की रिपोर्ट से प्रदर्शित होती है िक कई योजनाएं ऐसी है, जो िबना ग्राम सभा के ही जारी कर दी गयी.कैग की रिपोर्ट को देखे, तो पता चलता है िक भागलपुर सहित दस िजलों में पूरी रािश ही िनर्गत नहीं की गयी, िजससे योजनाएं बािधत रही. पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि की पांच फीसदी राशि पंचायतों को दी जानी था ताकि पंचायतों में जरूरत के हिसाब से कर्मचारियों का इंतजाम किया जा सके. इन दस िजलों में भागलपुर,
कटिहार, लखीसराय, मधेपुरा, पटना, सहरसा, समस्तीपुर,भोजपुर,पटना और सीतामढ़ी मंे पर्याप्त रािश् नहीं दी गयी,िजससे आम लोगों की योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं िमल सका. इन िजलों में 648 करोड़ में से उन जिलों की पंचायतों को 32 करोड़ देना था. इससे पंचायत स्तर पर कर्मचारियों की संख्या में इजाफा नहीं हुआ और जो काम होने थे, वे बाधित हुए.