35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चिकित्सकों के साथ किया दुर्व्यवहार, तो जायेंगे जेल

अस्पताल में हालिया घटनाओं को देख स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधिकारी व एसएसपी को भेजा पत्र भागलपुर : चिकित्सा सेवा से संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा और अस्पतालों की संपत्ति का नुकसान पहुंचाना महंगा पड़ सकता है. ऐसा करनेवालों को जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है. इसके साथ-साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा. इसे लेकर […]

अस्पताल में हालिया घटनाओं को देख स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधिकारी व एसएसपी को भेजा पत्र

भागलपुर : चिकित्सा सेवा से संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा और अस्पतालों की संपत्ति का नुकसान पहुंचाना महंगा पड़ सकता है. ऐसा करनेवालों को जेल तक की हवा खानी पड़ सकती है. इसके साथ-साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा. इसे लेकर बने कानून का अब कड़ाई से पालन होना है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधिकारी व वरीय पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कर दिशा-निर्देश जारी किया है.
स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है क्योंकि राज्य में चिकित्सा सेवा से संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध हिंसा और राज्य के चिकित्सा सेवा संस्थानों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं प्राय: घटित हो रही है. इसकी प्रतिक्रिया में चिकित्सक या चिकित्साकर्मी समय-समय पर कार्य बहिष्कार या हड़ताल पर चले जाते हैं.
इससे चिकित्सा सेवा पर विपरीत असर पड़ता है. हाल में पीएमसीएच में घटी इस तरह की घटना के कारण राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये थे. ओपीडी और आपातकालीन वार्ड में कार्य करना बंद कर दिये थे. धरना प्रदर्शन तक पर उतर आये थे. आमजनों को इलाज कराने में भारी कठिनाई उठानी पड़ी थी. ऐसा जब-जब होता है, मरीज और उनके परिजन परेशान होते हैं.
डीएम व एसएसपी को मिला है निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने राज्य के सभी जिलाधिकारी व एसएसपी को भेजे पत्र में कहा है कि दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के साथ उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की जाये. इसका अनुसंधान त्वरित गति से करते हुए अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित करने का निर्देश दिया गया है.
अधिकतम तीन साल की सजा का है प्रावधान
सरकार द्वारा बिहार चिकित्सा सेवा संस्थान और व्यक्ति सुरक्षा अधिनियम 2011 पूर्व से गठित है. इसमें चिकित्सा सेवा से जुड़े व्यक्ति व चिकित्सा सेवा संस्थान के विरुद्ध की गयी हिंसा या इसके प्रयास, हिंसा करने का दुष्प्रेरित या उद्दीपन के लिए अधिकतम तीन वर्षों की कारावास की सजा का प्रावधान है. साथ ही अधिकतम 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान सहित भारतीय दंड संहिता के अधीन कार्रवाई का भी प्रावधान है. इसके तहत किया गया अपराध संज्ञेय और गैर-जमानतीय है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें