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इस बरसात भी परेशानी पटल बाबू रोड. जलजमाव से घर और दुकान को बचाने की मुहिम तेज, मगर विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं मौसम विभाग ने इस साल जोरदार बारिश की संभावना जतायी है. इससे शहर में सड़क किनारे बसे लोग और दुकानदार अभी से आशंकित हैं कि कहीं इस बरसात भी जलजमाव नहीं […]

इस बरसात भी परेशानी

पटल बाबू रोड. जलजमाव से घर और दुकान को बचाने की मुहिम तेज, मगर विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं
मौसम विभाग ने इस साल जोरदार बारिश की संभावना जतायी है. इससे शहर में सड़क किनारे बसे लोग और दुकानदार अभी से आशंकित हैं कि कहीं इस बरसात भी जलजमाव नहीं झेलना पड़े. दरअसल शहर की सड़कों के दुरुस्तीकरण को लेकर विभागीय स्तर पर अबतक किसी तरह की कोई प्लानिंग नहीं है. अगर समय पर दुरुस्तीकरण कार्य नहीं कराया गया, तो बरसाती पानी में सड़कें डूबेगी.
भागलपुर : इस साल भी पटल बाबू रोड के दोनों ओर घर व दुकानों में जलजमाव (बरसाती पानी) लोगों के लिए परेशानी का कारण बनेगा. मानसून प्रवेश करने के साथ जोरदार बारिश की प्रबल संभावना है. जलजमाव से घर और दुकान को बचाने के लिए लाेगों द्वारा तैयारियां तो की जा रही है, मगर विभागीय स्तर पर अबतक कोई पहल नहीं हो रही है. दरअसल, सड़क की ऊंचाई बढ़ाये जाने के मामले में अबतक किसी तरह को कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है.
मामला हाइकोर्ट में है. दुकानदार प्रभु, रमेश आदि ने बताया कि बरसात के दिनों में दुकानदारी ठप पड़ जाती है. जलजमाव के कारण दुकान खुलती नहीं है. अगर किसी तरह पानी की निकासी कर दुकान खोलते भी हैं, तो ग्राहक दुकान तक नहीं आना चाहते हैं. दुकानदारी पर निर्भर रहनेवाले लोगों का जीवन निर्वहन करना मुश्किल हो जाता है.
दूसरी ओर अंदरूनी शहर की स्थिति भी पटल बाबू रोड से कम नहीं है. कहीं सड़क लेबल से नीचे हैं, तो कई ऐसी सड़कें हैं, जिसके साथ जल निकासी के लिए नाला निर्माण नहीं किया गया है. ऐसी सड़कों में राधा रानी सिन्हा रोड, लाजपत पार्क रोड आदि शामिल हैं. कुछ सड़कें ऐसी है, जिसके गहरे गड्ढें बरसाती पानी का जमाव जानलेवा बन सकता है. गड्ढों को भी भरने की कवायद विभागीय स्तर से नहीं हो रही है. जेल रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और इसमें पानी भरने के बाद गहरायी का अनुमान लगाना कठिन हो जाता है.
जांच पूरी, आज सौंपी जायेगी रिपोर्ट : लेवल से ऊंची सड़क का निर्माण और उस पर नाला आदि बनाये जाने की जांच पूरी हो गयी है. यह जानकारी इस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शैलेंद्र सराफ ने दी. उन्होंने बताया कि सोमवार को एडवोकेट कमिश्नर की ओर से रिपोर्ट सौंपी जायेगी. उन्होंंने बताया कि एनएच विभाग ने पटल बाबू रोड में नाला निर्माण कराने का प्रस्ताव दिया है. विभागीय इंजीनियर का कहना है कि नाला निर्माण की योजना सड़क निर्माण के साथ बनी है.
इस पर चेंबर के अध्यक्ष श्री सराफ ने बताया कि एडवोकेट कमिश्नर की जांच के दौरान ऐसा लगा कि नाला निर्माण के प्रस्ताव को सही नहीं ठहराया जा सकता है. क्योंकि नाला सड़क के लेवल से नीचे निर्माण होगा और ओवर फ्लो करने के बाद इसका गंदा पानी ज्यादा परेशानी का कारण बनेगा. मालूम हो कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और जस्टिस अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने सड़क निर्माण और उस पर नाला आदि बनाये जाने की जांच के लिए एडवोकेट कमश्निर की नियुक्ति की है.
पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता चक्रपाणि को कोर्ट ने एडवोकेट कमश्निर नियुक्त करते हुए रिपोर्ट सौंपने को कहा. राजेश चंद्र झा की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह निर्देश दिया था. एडवोकेट कमिश्नर सड़क निर्माण के दौरान कोर्ट के आदेशों के अनुपालन करने या नहीं करने तथा सड़क की ऊंचाई बढ़ाने और नाला निर्माण की जांच रिपोर्ट सौंपेंगे. कोर्ट इसके पहले भी इस सड़क की ऊंचाई बढ़ाये जाने पर नाराजगी जाहिर कर चुकी है.
विभाग के पक्ष में आया फैसला, तो पीआइएल !
एनएच विभाग हाइकोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है. अगर फैसला विभाग के पक्ष में आया तो उनकी ओर से पीआइएल दाखिल कराया जा सकता है. विभाग मान रहा है कि सड़क नहीं टूटेगी. जबकि पटल बाबू रोड पर स्थित सबका मानना है कि सड़क टूटेगी और फिर से बनेगी. अंतिम फैसला हाइकोर्ट से आने पर अब स्थिति स्पष्ट हो सकेगा. इधर, विभाग का मानना है कि पटल बाबू रोड के दोनों ओर अतिक्रमित है. कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के घर और दुकान एनएच की जमीन पर अवस्थित हैं.

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