भागलपुर : प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने शनिवार को सुनील मांझी को उम्रकैद की सजा सुनायी. आरोपित पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा होगी. कोर्ट ने आरोपित को दो मई को दोषी करार दिया था. मामले में अपर लोक अभियोजक मुक्ति प्रसाद सिंह और बचाव पक्ष से ब्रह्मदेव यादव ने केस की पैरवी की. मामले के अनुसार 13 नवंबर 2012 को शिवनंदनपुर मुसहरी ( सुलतानगंज ) के सुबोध मांझी की दुकान पर सुनील मांझी आया. उसने सुबोध से सिगरेट मांगी. इस पर उसने नहीं होने की बात कह दी.
इस बात को लेकर सुनील मांझी सुबोध के साथ तू-तू, मैं-मैं करने लगा. दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गयी, मगर बीच में सुबोध की पत्नी कलावती देवी आ गयी और उसे दुकान के भीतर ले जाने लगी. इस दौरान सुनील मांझी ने कमर से पिस्टल निकालकर सुबोध मांझी को गोली मार दी. घटना के बाद सुबाेध मांझी की मौत हो गयी. कलावती देवी की शिकायत पर सुलतानगंज थाना पुलिस ने सुनील मांझी के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया.